पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल की 'यूरोप फतह'

अब ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिक की बारी

Webdunia
सोमवार, 20 अगस्त 2012 (19:30 IST)
FILE
दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल ने हाल में यूरोप की सर्वाधिक ऊंची और दुर्गम चोटी माउंट एल्ब्रस को भी सफलता पूर्वक फतह कर लिया है तथा वर्ष 2012 के अंत तक वह ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिक महाद्वीपों के शीर्ष पर्वतों पर चढ़कर संसार के छह महाद्वीपों की उच्चतम चोटियों पर तिरंगा फहरा देंगी।

47 वर्षीय प्रेमलता अग्रवाल ने जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की ओर से आयोजित अपने सम्मान समारोह के दौरान पत्रकारों से कहा कि अब तक वह एवरेस्ट (29035 फुट) एशिया, किलिमंजारो (19334 फुट) अफ्रीका, माउंट एकॉनकागुआ (22841 फुट) दक्षिण अमेरिका, और माउंट एल्ब्रस (18510 फुट) यूरोप के रूप में चार महाद्वीपों की उच्चतम चोटियों को फतह कर चुकी हैं।

यूरोप की सीमा पर रूस में कॉकेशस पर्वतमाला में स्थित एल्ब्रस को उन्होंने गत 12 अगस्त को बेहद खराब मौसम के बावजूद फतह कर लिया। ज्ञातव्य है कि एल्ब्रस अपने खराब मौसम, कठिन चढ़ाई तथा पर्वतारोहियों के मौत के लिए बदनाम चोटी है।

श्रीमती अग्रवाल ने बताया कि अब वह अक्टूबर के मध्य में इंडोनेशिया स्थित ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की उच्चतम चोटी कार्सेंस्ज पिरामिड (18023 फुट) पर चढ़ेंगी और दिसंबर के मध्य में अंटार्कटिका स्थित माउंड विंसन (16067 फुट) को फतह करेंगी।

कुछ माह पहले खराब मौसम के चलते उत्तर अमेरिका की उच्चतम चोटी माउंट डेनाली (20320 फुट) के अपने अभियान में असफल हो गई श्रीमती अग्रवाल ने कहा कि इस अभियान पर वह वर्ष 2013 में दोबारा जाकर दुनिया की सभी सात महाद्वीपों की उच्चतम चोटियों को जीतने के अपने अभियान कर 'विजय हर शिखर' को पूरा करेंगी। (वार्ता)

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?