AIFF प्रमुख चौबे ने भूटिया पर ‘निहित स्वार्थ’ के लिए फुटबॉल स्कूल चलाने का आरोप लगाया

WD Sports Desk
शनिवार, 14 जून 2025 (12:17 IST)
All India Football Federation :  अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे (Kalyan Chaubey) ने शुक्रवार को बाईचुंग भूटिया (Bhaichung Bhutia) पर अपने ‘निहित स्वार्थ’ के लिए ‘व्यावसायिक’ अकादमियां चलाने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय टीम के पूर्व कप्तान ने हालांकि इन आरोपों को ‘निराधार’ बताया।
 
चौबे का यह आरोप हाल ही में एएफसी एशियाई कप क्वालीफाइंग दौर (AFC Asian Cup qualifying round) के मैच में हांगकांग (Hongkong) से भारत की चौंकाने वाली हार के बाद भूटिया द्वारा एआईएफएफ प्रमुख के पद से इस्तीफा मांगने के जवाब में था। 

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"Kalyan Chaubey has DESTROYED #IndianFootball"
 — Baichung Bhutia pic.twitter.com/jiRLlrDEks

— football news india (@fni) June 12, 2025 >
चौबे से जब भूटिया की टिप्पणियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ वह अपने नाम से एक व्यावसायिक फुटबॉल स्कूल चलाते हैं। वह 20 विभिन्न शहरों में हैं। इस फुटबॉल स्कूल में खिलाड़ी 1000 से एक लाख रुपए तक का भुगतान करते हैं। उनसे एक हजार से 10000 रुपए तक महीना लिया जाता है।’’

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Kalyan Chaubey : “If we have to qualify for afc or any near Fifa competition, we should have planned 10 years back not now.”#allindiafootball pic.twitter.com/TOavgX2B6R

— All India Football (@AllIndiaFtbl) June 13, 2025 >
 चौबे बाइचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूल (बीबीएफएस) का जिक्र कर रहे थे, जिसकी देश भर में कई अकादमियां हैं।
 
 एआईएफएफ अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से निहित स्वार्थ है, पूरी तरह से व्यावसायिक है। वे (अकादमी) परिवारों की भावनाओं, लोगों की भावनाओं के साथ खेलकर अनुचित लाभ उठा रहे हैं। लोग सोचते है कि उस व्यक्ति ने भारतीय फुटबॉल के उच्चतम स्तर पर पहुंच बनाई है और अगर मैं (अकादमी में बच्चा) उनकी अकादमी का हिस्सा बन सकता हूं, तो मैं भी एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में अपना जीवन बना सकता हूं।’’
 
भूटिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चौबे को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि अकादमी कैसे चलाई जाती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने फुटबॉल स्कूल अपनी मेहनत की कमाई से खोले हैं।
 
भूटिया ने सिक्किम से ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘वह (चौबे) ऐसे व्यक्ति हैं जिनके पास जानकारी का आभाव है। वह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्हें फुटबॉल अकादमी के बारे में कुछ भी नहीं पता। मैंने 14 साल पहले अपनी मेहनत की कमाई से फुटबॉल स्कूल खोले हैं। राज्यों, केंद्र और कॉरपोरेट्स से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो सालों में बच्चों की मदद के लिए केवल कुछ ही प्रायोजक आए हैं। देश भर में मेरे स्कूलों में हर दिन 6000 से अधिक बच्चे खेलते हैं। एआईएफएफ भी ऐसा नहीं कर सकता।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ वह फीस की बात कर रहे हैं लेकिन मेरे स्कूलों में 150 योग्य कोच और उनके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मैदानों का खर्च कौन उठाएगा, कोई भी मुझे वित्तीय रूप से मदद नहीं कर रहा है। अकादमी चलाने के लिए मुझे फीस तो लेनी ही होगी।  लेकिन मुझे नहीं पता कि वह कहां से 10,000 रुपए प्रति बच्चा प्रति माह की फीस की बात कर रहे हैं। हम इतना शुल्क नहीं लेते हैं।’’  (भाषा)

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