ओस्ट्रावा (चेक गणराज्य)। त्रिकूद के एथलीट अरपिंदर सिंह ने आईएएएफ कांटिनेंटल कप में रविवार को कांस्य पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा, लेकिन भाला फेंक के स्टार एथलीट अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और छठे स्थान पर रहे। अरपिंदर इस टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।
जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले अरपिंदर ने अपने पहले प्रयास में 16.59 मीटर कूद लगाई। इसके बाद अगले दो प्रयासों में वह 16.33 मीटर ही कूद लगा पाए और इस तरह से दो एथलीटों के बीच फाइनल कूद में जगह बनाने में नाकाम रहे। यह भारतीय हालांकि कांस्य पदक हासिल करने में सफल रहा।
पच्चीस वर्षीय अरपिंदर साल में एक बार होने वाली इस प्रतियोगिता में एशिया पैसेफिक टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने जकार्ता में 16.77 मीटर कूद लगायी थी जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 17.17 मीटर है जो उन्होंने 2014 में किया था। कोई भी भारतीय अब तक कांटिनेंटल कप में पदक जीत पाया था, जिसे 2010 से पहले आईएएएफ विश्व कप के नाम से जाना जाता था।
अमेरिका के मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन क्रिस्टियन टेलर ने 17.59 मीटर कूद लगाकर आसानी से स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने बुर्किन फासो के ह्यूज फैब्राइस जांगो को हराया, जिन्होंने 17.02 मीटर कूद लगाई।
पुरुषों के भाला फेंक में राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों के मौजूदा चैंपियन चोपड़ा आठ खिलाड़ियों के बीच 80.24 मीटर भाला फेंककर छठे स्थान पर रहे। चोपड़ा ने 80.24 मीटर से शुरुआत की और दूसरे प्रयास में 79.76 मीटर ही भाला फेंक पाए। यह इस सत्र में चोपड़ा का सबसे खराब प्रदर्शन है। उन्होंने डायमंड लीग सीरीज के इयुगेन चरण में 80.81 मीटर भाला फेंका था।
इसके अलावा अन्य सभी प्रतियोगिताओं में उन्होंने नियमित तौर पर 85 मीटर से अधिक भाला फेंका था। उन्होंने एशियाई खेलों में 88.06 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
मौजूदा ओलंपिक चैंपियन जर्मनी के थामस रोहलर ने स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने दो खिलाड़ियों के फाइनल में चोपड़ा के एशिया पैसेफिक टीम के साथी चाओ सुन चेंग को हराया। चेग ने 81.81 मीटर जबकि रोहलर ने 87.07 मीटर भाला फेंका।