जकार्ता। भारत ने 18वें एशियाई खेलों में शुक्रवार को महिला हॉकी के रजत सहित कुल 6 पदक जीतकर एशियाई खेलों के इतिहास में कुल सर्वाधिक 65 पदक जीतने के अपने रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
भारत ने 8 साल पहले ग्वांग्झू एशियाई खेलों में 14 स्वर्ण, 17 रजत और 34 कांस्य सहित 65 पदक जीते थे जबकि जकार्ता में भारत के अब 13 स्वर्ण, 23 रजत और 29 कांस्य सहित कुल 65 पदक हो गए हैं। भारत शनिवार को इस संख्या को पीछे छोड़ सकता है।
हालांकि भारत को 1951 के पहले एशियाई खेलों के 15 स्वर्ण पदक जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए 2 स्वर्ण की जरूरत है और शनिवार को मुक्केबाज अमित पंघल तथा महिला स्क्वैश टीम से उसकी यह उम्मीद पूरी हो सकती है, जो अपना फाइनल खेलने उतरेंगे।
भारतीय महिला हॉकी टीम का एशियाई खेलों में 36 साल के लंबे अंतराल के बाद स्वर्ण पदक जीतने का सपना जापान के हाथों 1-2 की हार के साथ टूट गया और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत ने महिला हॉकी में दूसरी बार रजत पदक जीता।
अमित पंघल ने रोमांचक मुकाबले में फिलीपीन्स के कार्लो पालाम को 3-2 से हराकर पुरुष लाइट फ्लाईवेट (49 किग्रा) स्पर्धा के स्वर्ण पदक मुकाबले में प्रवेश कर लिया जबकि विकास कृष्णन (75 किग्रा) को आंख पर चोट की वजह से अपने मुकाबले से हटने के कारण कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
भारतीय महिला स्क्वैश टीम ने गत चैंपियन मलेशिया को 2-0 से हराकर स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बना ली जबकि पुरुष टीम को हांगकांग के हाथों 0-2 से हारकर कांस्य से संतोष करना पड़ा।
भारत ने सेलिंग मुकाबलों में 1 रजत और 2 कांस्य पदक जीते। वर्षा गौतम और श्वेता शेरवेगर की टीम ने महिलाओं की 49ईआर एफएक्स स्पर्धा में रजत पदक, पुरुषों की 49ईआर स्पर्धा में वरुण अशोक ठक्कर और गणपति चेंगप्पा ने कांस्य और ओपन लेजर 4.7 स्पर्धा में हर्षिता तोमर ने कांस्य पदक जीता।