नूर सुल्तान (कजाखस्तान)। बजरंग पूनिया और रवि दहिया ने गुरुवार को यहां विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाकर 2020 में होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
बजरंग ने पुरुषों के 65 किग्रा में आसान ड्रॉ का पूरा फायदा उठाकर एक के बाद एक प्रतिद्वंद्वी को आसानी से शिकस्त दी और विश्व चैंपियनशिप में अपने पहले पदक की उम्मीदें बरकरार रखी। उन्होंने 2018 में बुडापेस्ट में रजत पदक जीता था। ओलंपिक में 2 बार के पदक विजेता सुशील कुमार एकमात्र भारतीय पहलवान हैं, जिन्होंने मास्को में 2010 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
रवि से कम उम्मीद लगाई जा रही थी लेकिन उन्होंने कुछ दमदार प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया और सेमीफाइनल में जगह बनाई। उन्होंने इस बीच एक यूरोपीय चैंपियन और एक विश्व में नंबर 3 पहलवान को हराया। अब बजरंग और रवि दोनों पदक के प्रबल दावेदार हैं।
विनेश फोगाट ने बुधवार को महिलाओं के 53 किग्रा में ओलंपिक कोटा हासिल किया था। बजरंग को पहले दौर में पोलैंड के क्रीस्जतोफ बियांकोवस्की के खिलाफ खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी। उन्होंने अपने इस प्रतिद्वंद्वी को आसानी से 9-2 से हराया।
बजरंग का अगला प्रतिद्वंद्वी डेविड हबाट था जो भारतीय पहलवान को खास चुनौती नहीं दे पाया हालांकि इस बीच स्लोवाकिया के पहलवान ने 2 बार उनका दाहिना पांव अपने कब्जे में लिया था। लेकिन दोनों अवसरों पर वह इसका फायदा नहीं उठा पाया। कोरिया के जोंग चोइ सोन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में बजरंग ने शुरू में ही अंक गंवा दिया लेकिन उन्होंने यह मुकाबला आसानी से 8-1 से जीता।
रवि दहिया ने शानदार पदार्पण किया और 57 किग्रा में पहले 2 मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते। उन्होंने आर्मेनिया के 61 किग्रा में यूरोपीय चैंपियन आर्सन हारुतुनयान के खिलाफ 6 अंक से पिछड़ने के बावजूद जवाबी हमले करके लगातार 17 अंक बनाकर जीत दर्ज की।
इस मुकाबले के आखिर में आर्मेनियाई पहलवान ने अंक को चुनौती दी लेकिन काफी देर तक रीप्ले देखने के बाद रवि को विजेता घोषित कर दिया गया। रवि ने इससे पहले शुरुआती दौर में कोरिया के सुंगवोन किम को हराया था।
क्वार्टर फाइनल में उनका सामना 2017 के विश्व चैंपियन और विश्व में नंबर 3 युकी तकाहाशी से था। उनको हराना आसान नहीं था लेकिन रवि ने बहुत अच्छा खेल दिखाया और यह मुकाबला 6-1 से जीता। भारतीय पहलवान ने जापानी खिलाड़ी को हावी होने का मौका नहीं दिया।
महिला वर्ग में रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का खराब प्रदर्शन जारी रहा और वह पहले दौर में ही नाईजीरिया की अमीनात आदेनिई से 7-10 से हार गई। साक्षी ने आक्रमण करने के लिए काफी इंतजार किया जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी ने तेजी दिखाई।
साक्षी चैंपियनशिप से भी बाहर हो गई है क्योंकि उनकी नाईजीरियाई प्रतिद्वंद्वी क्वार्टर फाइनल में हार गई। महिलाओं के 68 किग्रा में दिव्या काकरान मौजूदा ओलंपिक चैंपियन जापानी खिलाड़ी सारा दोशो के खिलाफ खास चुनौती पेश नहीं कर पाई और 0-2 से हार गई।