कोलकाता: बेंगलुरु एफसी ने रविवार को करीबी फाइनल मैच में मुंबई सिटी एफसी को 2-1 से हराकर पहली बार डूरंड कप खिताब जीता।
भारतीय कप्तान सुनील छेत्री की अगुवाई में पहली बार बैंगलोर ने डूरंड कप भले ही जीत लिया हो लेकिन अंत में एक विवाद ने बैंगलोर की खुशी पर पानी फेर दिया।
सुनील छेत्री जब डूरंड कप को अपने हाथ में ले रहे थे तब बंगाल के राज्यपाल ला गणेशन ने सुनील छेत्री को बाजू में हटने के लिए कहा, इस कारण सुनील छेत्री डूरंड कप को दोनों हाथों की जगह सिर्फ एक हाथ से ही उठा पाए।
यह वीडियो पलक झपकते ही वायरल हो गया और इस वाक्ये की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई। क्रिकेट कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी इसे दुखद बताया।
मैच की बात करें तो शिव शक्ति (11वां मिनट) और एलेन कोस्ट (61वां मिनट) ने विजयी टीम के गोल जमाये, जबकि मुंबई एफसी का एकलौता गोल अपुइया ने 30वें मिनट में किया।
शिव शक्ति ने बेंगलुरु को शानदार शुरुआत दिलाते हुए 11वें मिनट में ही पहला गोल कर दिया। शिव मुंबई के क्षेत्ररक्षकों को छकाते हुए गोलकीपर के पास पहुंचे, जो गोल से कुछ दूर आ चुका था। इस बात का फायदा उठाते हुए शिव ने बॉल को गोलकीपर के सिर के ऊपर से नेट में पहुंचाया और टीम को 1-0 की बढ़त दिलायी।
मुंबई सिटी ने कुछ देर बाद वापसी की और अपुइया ने 30वें मिनट में फ्री किक को गोल में तब्दील किया।
पहले हाफ में 1-1 की बराबरी के बाद कोस्टा ने 61वें मिनट में गोल किया जो निर्णायक साबित हुआ। कोस्टा ने कप्तान छेत्री की कॉर्नर किक को दिशा दिखाते हुए बॉल को नेट में पहुंचाया, जिसकी बदौलत बेंगलुरु एफसी ने 2-1 से जीत दर्ज की।
बेंगलुरु के कप्तान 38 वर्षीय छेत्री ने अपने करियर में केवल डूरंड कप नहीं जीता था, लेकिन रविवार की जीत के बाद उन्होंने यह खिताब भी हासिल कर लिया। साल 2013 में अस्तित्व में आये बेंगलुरु एफसी क्लब के लिये भी यह पहला डूरंड कप खिताब है।