नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि टोक्यो ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों का डोप परीक्षण अभी शुरू नहीं किया गया है तथा किसी भारतीय खिलाड़ी के डोपिंग कांड में शामिल होने का कोई मामला उसके संज्ञान में नहीं आया है। युवा एवं खेल मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उनसे जीसी चंद्रशेखर ने प्रश्न किया था कि क्या प्रमुख खिलाड़ियों के डोपिंग कांड में लिप्त होने के कारण ओलंपिक खेलों के लिए भारत की तैयारियां प्रभावित होंगी? इसके उत्तर में रिजिजू ने कहा, सरकार के संज्ञान में कोई भी डोपिंग का मामला नहीं आया है। जब भी किसी खिलाड़ी का डोप परीक्षण पाजीटिव पाया जाता है तो उस पर राष्ट्रीय डोपरोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा उचित कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने यह भी कहा, टोक्यो ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों का परीक्षण अभी शुरू नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि अगले ओलंपिक खेलों का आयोजन 2020 में टोक्यो में होगा।
डोपिंग से जुड़े एक अन्य प्रश्न में रिजिजू ने कहा कि सितंबर 2018 में वाडा लेबोरेटरी एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा अपने दौरे के दौरान पाई गई कुछ कमियों के कारण विश्व डोपरोधी एजेंसी (वाडा) ने राष्ट्रीय डोप परिक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) की मान्यता 20 अगस्त 2019 से 6 महीने की अवधि के लिए रद्द कर दी।
उन्होंने कहा कि निलंबन के समय एनडीटीएल ने वाडा की संतुष्टि के लिए 47 कार्य मदों में से 38 का अनुपालन कर दिया था। शेष मदों के लिए वाडा को अक्टूबर 2019 में अनुपालन पत्र भेजा गया था। खेलमंत्री ने कहा कि वाडा ने निलंबन हटाने के लिए जनवरी 2020 में अपना विशेषज्ञ समूह भेजने का आश्वासन दिया है।