भुवनेश्वर/नई दिल्ली। ओडिशा सरकार ने खुलासा किया कि उसने 2015 से दुती चंद (Dutee Chand) को 4.09 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है जबकि इस स्टार धाविका का कहना है कि इसमें एशियाई खेलों में पदक जीतने की 3 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि भी शामिल है। राज्य सरकार के इस बयान से एक दिन पहले दुती ने उस विवाद को दबाने की कोशिश की थी, जो उनके बीएमडब्ल्यू (BMW) कार को बेचने के लिए रखने के बाद खड़ा हो गया था।
भारत की सबसे तेज एथलीट ( 100 मीटर दौड़, 11.22 सेकंड) दुती चंद ने कहा था कि वह अपनी लग्जरी कार को ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाने के लिए नहीं बेच रही है बल्कि इसलिए क्योंकि वह इस कार के रखरखाव का खर्चा नहीं उठा सकती। ओडिशा सरकार के खेल एवं युवा मामलों के विभाग के बयान के अनुसार, ‘दुती चंद को राज्य सरकार से (2015 के बाद) मुहैया कराया गया कुल वित्तीय सहयोग 4.09 करोड़ रुपए है।’
बयान के अनुसार, ‘3 करोड़ एशियाई खेल 2018 में जीते गए पदकों के लिए वित्तीय अनुदान, 2015-19 के दौरान 30 लाख रुपए ट्रेनिंग और वित्तीय सहयोग और टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों की ट्रेनिंग के लिए दो किस्तों में जारी किए गए 50 लाख रुपए।’
दुती से जब सरकार के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इतने साल तक सहयोग करने के लिए ओडिशा सरकार की ऋणी हूं, लेकिन यह 4 करोड़ रुपए सही चीज नहीं बता रहा है। हर कोई सोचना शुरू कर देगा कि दुती ने इतनी राशि खर्च की है।’
उन्होंने कहा, ‘3 करोड़ वो पुरस्कार राशि है, जो ओडिशा सरकार ने मुझे 2018 एशियाई खेलों में दो रजत पदक जीतने के लिए दी थी। यह उसी तरह है जिस तरह पीवी सिंधू या किसी अन्य पदक विजेता को राज्य सरकार जैसे हरियाणा या पंजाब से मिलती है। इसे ट्रेनिंग के लिए वित्तीय सहायता के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।’
ओडिशा सरकार ने यह भी कहा कि उसने दुती को ओडिशा खनन कारपोरेशन (ओएमसी) में ग्रुप ए स्तर का अधिकारी नियुक्त किया, जिससे उसे अपनी ट्रेनिंग और वित्तीय प्रोत्साहन के लिए 29 लाख रुपए की राशि मिली। दुती ने सरकार के इस दावे पर भी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि इस राशि में उसका वेतन भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘इस 29 लाख रुपए में मेरा वेतन भी शामिल है और मुझे नहीं पता कि यह ट्रेनिंग सहयोग के लिए कैसे है। मैं ओएमसी की कर्मचारी हूं और मुझे मेरा वेतन मिलेगा। मुझे यह पता करना होगा।’ सरकार के बयान के अनुसार 24 साल की इस खिलाड़ी का हर महीने का वेतन 84,604 रुपए है जबकि बुधवार को दुती ने दावा किया था कि उसे 60,000 रुपए मिलते हैं।
ओडिशा सरकार के बयान के अनुसार, ‘उसका प्रत्येक महीने मौजूदा कुल वेतन 84,604 रुपए (जून 2020 का वेतन) है। उसे कार्यालय आने की जरूरत नहीं होती ताकि वह पूरा ध्यान ट्रेनिंग पर लगा सके। इसी के अनुसार ओएमसी में नियुक्ति के बाद दुती को कोई काम नहीं दिया गया।’ दुती ने इस पर कहा कि वह घर पर खाली नहीं बैठी थीं, वह देश के लिए पदक जीतकर ला रही थीं और अपने नियोक्ता को गौरवान्वित कर रही थीं। कार्यालय में पेन और पेपर के इस्तेमाल के बजाय मैं ट्रेनिंग मैदानों और स्टेडियम पर मेहनत कर रही थी।’ (भाषा/वेबदुनिया)