पेरिस। ऑस्ट्रेलिया की एश्ले बार्टी ने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन के रूप में जीत इतिहास रच दिया है, लेकिन यह दिलचस्प है कि स्टार टेनिस खिलाड़ी मात्र तीन वर्ष पहले तक एक पेशेवर क्रिकेटर थीं।
बार्टी ने रोलां गैरों में चेक गणराज्य की मार्केटा वोंड्रोसोवा को लगातार सेटों में 6-1, 6-3 से हराकर वर्ष का दूसरा ग्रैंड स्लैम अपने नाम किया। वह वर्ष 1973 में मार्गेट कोर्ट के बाद पहली ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए ग्रैंड स्लैम जीता है। इस खिताब के बाद वह डब्ल्यूटीए रैंकिंग में दुनिया की दूसरे नंबर की महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
हालांकि तीन वर्ष पूर्व तक ही वह ऑस्ट्रेलिया के लिए पेशेवर क्रिकेट खेला करती थीं और राष्ट्रीय महिला टीम में खेलने के करीब थीं। हालांकि उनकी पूर्व क्रिकेट कोच एंडी रिचर्ड्स ने बताया कि बार्टी ने अपने कॅरियर में बड़ा बदलाव करते हुए टेनिस खेलने का फैसला किया।
बार्टी का कॅरियर काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा है और 5 वर्ष पहले यूएस ओपन के बाद उन्होंने टेनिस भी छोड़ने का फैसला कर लिया। वह सफल जूनियर टेनिस खिलाड़ी रहीं और 2011 में जूनियर महिला विंबलडन खिताब जीता जबकि तीन महिला युगल फाइनल में भी खेला।
लेकिन दबाव के चलते उन्होंने टेनिस छोड़ने का फैसला किया और 2014 में टेनिस छोड़ दिया और क्रिकेट में हाथ आज़माया। वह ऑस्ट्रेलिया में पेशेवर टीम से जुड़ीं और प्रतिष्ठित बिग बैश लीग में ब्रिसबेन हीट्स की तरफ से खेलने उतरीं जहां 9 मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 39 रहा।
बार्टी की पूर्व क्रिकेट कोच ने उनका रोलां गैरों में फाइनल मैच देखने के बाद कहा, 'मैं अभी भी चकित हूं। बार्टी इस जीत की हकदार हैं, वह बहुत अच्छी इंसान और प्रतिस्पर्धात्मक खिलाड़ी हैं। उन्होंने मुझसे कहा था कि वह क्रिकेट में हाथ आज़माना चाहती हैं, तो मैंने उन्हें इसमें मदद की।'
उन्होंने बताया कि बार्टी ने पहली बार क्वींसलैंड क्रिकेट मैदान में सबसे पहले क्रिकेट खेला था। उन्होंने कहा, 'मैंने बार्टी को बॉलिंग मशीन पर 150 गेंदें डाली थीं। उन्होंने इसमें केवल दो या तीन ही चूकीं थीं। वह असाधारण खिलाड़ी हैं, लेकिन अब क्रिकेट पीछे छूट चुका है और वह ग्रैंड स्लैम चैंपियन हैं।