टोक्यो ओलंपिक से बाहर हुई हिमा दास, ट्विटर पर लिखा टूटे दिल का दर्द

Webdunia
मंगलवार, 6 जुलाई 2021 (20:26 IST)
फर्राट धाविका हिमा दास और उनके चाहने वालों के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। चोट के चलते हिमा दास आगामी टोक्यो ओलंपिक का हिस्सा नहीं बन पाएंगी। 
 
जून के आखिरी हफ्ते में ही यह आशंका जताई जा रही थी कि उनको ओलंपिक का टिकट नहीं मिले और आज इस फैसले पर मुहर लग गई जब भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के टोक्यो जाने वाले 26 सदस्यीय दल में उनका नाम शामिल नहीं किया गया। 
 
दरअसल, हिमा ने टोक्यो ओलंपिक से क्वालीफाई करने से पहले ही चोटिल हो गई थी। हिमा दास पटियाला में जारी राष्ट्रीय अंतर-राज्य एथलेटिक्स चैंपियनशिप में  100 मीटर हीट (दौड़) के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण चोटिल हो गई थी।
 
हिमा का बाहर होना टोक्यो ओलंपिक में 4X100 मीटर महिला रिले टीम के लिए एक बड़ा झटका है। हिमा उस चौकड़ी की अहम सदस्य थी, जिसमें दुती चंद, धनलक्ष्मी और अर्चना सुसींद्रन भी शामिल हैं।
<

pic.twitter.com/rut2qsJ5zB

— Hima (mon jai) (@HimaDas8) July 6, 2021 >
ट्विटर पर लिखा भावुक पोस्ट 
 
आधिकारिक तौर पर ओलंपिक से बाहर होने के बाद हिमा ने ट्विटर पर टूटे दिल की इमोजी के साथ अपने आधिकारिक अकाउंट पर लिखा '‘जब मैं अपनी नई स्पर्धाओं 100 मीटर और 200 मीटर में क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने के करीब थी तो चोट के कारण अपने पहले ओलंपिक में जगह बनाने से चूक गई।’’
 
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं लगातार समर्थन के लिए अपने कोच, सहयोगी स्टाफ और टीम के साथियों का धन्यवाद देना चाहती हूं। लेकिन मैं मजबूत वापसी करूंगी और राष्ट्रमंडल खेल 2022, एशियाई खेल 2022 और विश्व चैंपियनशिप 2022 को लेकर उत्साहित हूं।’’
 
 
हिमा ने 2018 में फिनलैंड में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में 400 मीटर का स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियां बटोरी थी। एशियाई खेल 2018 में 400 मीटर में व्यक्तिगत रजत पदक जीतने के अलावा वह स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला चार गुणा 400 मीटर रिले और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों का भी हिस्सा थी।(वेबदुनिया डेस्क/भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख