नई दिल्ली: बैडमिंटन ने पुरुष खिलाड़ियों ने भले ही थॉमस कम और फिर कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा दी हो लेकिन महिला वर्ग में भारत को पीवी सिंधू के बिना खेलना पड़ेगा।ज्ञात रहे कि पूर्व विश्व चैंपियन और भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट सिंधू बाएं पैर में स्ट्रेस फ्रैक्चर होने के कारण विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप से बाहर हो गयी थी।
चोट के बावजूद जीता था गोल्ड मेडल
गौरतलब है कि पिछले शनिवार स्पोर्टस्टार ने शनिवार को जारी रिपोर्ट में सिंधू के पिता पीवी रमन के हवाले से कहा कि दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के क्वार्टरफाइनल में चोट आयी थी।उन्होंने बताया कि सिंधू ने चोट के बावजूद सेमीफाइनल मुकाबला खेला और अंतत: राष्ट्रमंडल स्वर्ण जीता।
27 वर्षीय सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप में एक स्वर्ण सहित पांच पदक जीते हैं। अब उन्हें पूरी तरह ठीक होने तक निगरानी में रखा जाएगा।रमन ने स्पोर्टस्टार से कहा, “सिंगापुर ओपन और राष्ट्रमंडल खेल जीतने के बाद विश्व चैंपियनशिप छूटना निराशाजनक है, लेकिन यह सब चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान उनके ठीक होने पर होगा, और हम अक्टूबर में होने वाले डेनमार्क और पैरिस ओपन को लक्षित करेंगे।”
गौरतलब है कि सिंधू ने हाल ही में महिला एकल का अपना पहला राष्ट्रमंडल स्वर्ण जीता। इससे पहले वह 2014 (कांस्य) और 2018 (रजत) में भी पदक जीता था।
पीवी सिंधू जिस लय में चल रही थी उससे एक और स्वर्ण पदक भारत के लिए आता दिख रहा था। बर्मिंघम में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों की टीम प्रतिस्पर्धा के फाइनल में अपना मैच जीतने वाली पीवी सिंधू एकमात्र भारतीय थी। सभी पुरुष खिलाड़ी चाहे वह श्रीकांत हो या फिर चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज की जोड़ी, सभी मलेशिया के खिलाफ फ्लॉप साबित हुई। इसके अलावा महिलाओं की जोड़ी भी मलेशिया की जोड़ी के सामने बिखर गई थी।