भारतीय कुश्ती को शर्मसार होने से बचाया साक्षी मलिक ने

Webdunia
नई दिल्ली। एक पहलवान के डोप में पकड़े जाने के बाद अदालत में चली जंग के कारण भारतीय कुश्ती वर्ष 2016 में विवादों में फंसी रही लेकिन आखिर में साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर उसे शर्मसार होने से बचा दिया। साल में अधिकतर समय कुश्ती गलत कारणों से सुर्खियों में रही।
ओलंपिक से पहले की तैयारियां उथल-पुथलभरी रही, क्योंकि 2 बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को रियो खेलों से 2 महीने पहले पता चला कि उन्हें टीम में नहीं चुना गया है। इसके बाद कई ऐसी घटनाएं हुईं जिससे खेल को बदनामी झेलनी पड़ी लेकिन साक्षी ने ब्राजीली शहर में भारत के लिए पहला पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी।
 
भारत जब रियो में पदक के लिए जूझ रहा था तब साक्षी के मलिक ने उसके लिए संजीवनी का काम किया। बाद में बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने रजत पदक हासिल किया। साक्षी ने महिलाओं के 58 किग्रा फ्रीस्टाइल के कांस्य पदक के लिए खेले गए प्लेऑफ मुकाबले में 0-5 से पिछड़ने के बाद किर्गीस्तान की आइसुलु टिनिबेकोवा को 8-5 से हराया।
 
उनके इस पदक के कारण 8 सदस्यीय कुश्ती दल के लचर प्रदर्शन पर भी किसी का ध्यान नहीं गया। भारतीय टीम में पहली बार 3 महिला पहलवान शामिल थीं लेकिन केवल साक्षी ही पदक जीतने में सफल रही। लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त से काफी उम्मीद थी लेकिन वे क्वालीफाइंग दौर में ही बाहर हो गए।
 
साक्षी के चमत्कारिक प्रदर्शन से कुछ राहत मिली, क्योंकि नरसिंह यादव के बाहर होने से भारत काफी निराशा में था। नरसिंह पर डोप परीक्षण में नाकाम रहने के कारण 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया, क्योंकि खेल पंचाट (कैस) ने राष्ट्रीय डोपिंगरोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा इस पहलवान को दिए गए क्लीन चिट के फैसले को बदल दिया था।
 
विश्व डोपिंगरोधी एजेंसी (वाडा) ने नरसिंह के मुकाबले से 3 दिन पहले नाडा के फैसले को कैस में चुनौती दी थी। इस 27 वर्षीय पहलवान का नाम वजन कराने के लिए ओलंपिक कार्यक्रम की आधिकारिक सूची में दर्ज था लेकिन कैस के फैसले ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
 
यहां तक कि ओलंपिक से पहले जो कुछ हुआ, वह नरसिंह और भारतीय टीम के लिए अच्छा नहीं रहा। विशेषकर नरसिंह के लिए परेशानियां खत्म नहीं हुईं। इसकी शुरुआत 74 किग्रा में ओलंपिक सीट पर दावेदारी से हुई और आखिर में मामला अदालत में चला गया। नरसिंह अदालत में जीत गया लेकिन इसके बाद उनका परीक्षण प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के लिए पॉजीटिव पाया गया। इससे पहले सितंबर 2015 में नरसिंह ने लॉस वेगास में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
 
नरसिंह को हालांकि पता था कि उनका ओलंपिक में जाना पक्का नहीं है, क्योंकि सुशील भी इस भार वर्ग में खेलते हैं। डब्ल्यूएफआई के नियमों के अनुसार कोटा देश को मिलता है और इसलिए पूर्व विश्व चैंपियन सुशील ने 74 किग्रा भार वर्ग में ट्रॉयल कराने को कहा।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

पाकिस्तान ने Under19 एशिया कप में भारत को हराया, सूर्यवंशी ने किया निराश

IND vs AUS : पूर्व तेज गेंदबाज की टीम को सलाह कहा, लाबुशेन को दूसरे टेस्ट करो बाहर

IND vs AUS : जडेजा-अश्विन ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम की जरुरत के साथ खुद को ढालना जानते हैं

ENG vs NZ : क्राइस्टचर्च टेस्ट इंग्लैंड की गिरफ्त में, जीत के लिए 4 विकेट की दरकार

अकेले ही पाक को भारत के खिलाफ 281 तक ले गया 150 रन जड़ने वाला यह बल्लेबाज

अगला लेख