नई दिल्ली: एशियाई खेलों की चैंपियन राही सरनोबत ने क्रोएशिया में चल रहे निशानेबाजी विश्व कप में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है। सरनोबत ने महिला 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल के फाइनल में अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाई और पदक जीता। इसी के साथ भारत के पास प्रतियोगिता में अब तक एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक हो गए हैं।(फोटो सौजन्य- UNI)
राही का विश्व कप में यह दूसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने 10 मीटर एयरपिस्टल महिला टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता था। राही ने 25 मीटर स्पोर्ट्स फाइनल में अच्छी स्पर्धा दिखाई, लेकिन 40 अंक के विश्व रिकॉर्ड स्कोर से चूक गई। वह 39 अंक अर्जित कर पहले स्थान पर रहीं, जबकि फ्रांस की मैथिल्डे लामोले 31 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही और रजत पदक जीता। 10 मीटर एयर पिस्टल में रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता रूस की विटालिना बत्सारशकिना ने 28 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। वहीं ओलंपिक चैंपियन ग्रीस की अन्ना कोराकाकी पांचवें और भारत की मनु भाकर सातवें स्थान पर रहीं।
राही रविवार को प्रिसिजन राउंड के बाद क्वालीफाइंग के पहले दिन तीसरे स्थान पर रही थी, जबकि मनु नौवें स्थान पर थी। सोमवार की सुबह दोनों ने शानदार रैपिड-फायर राउंड में 300 में से 296 अंक हासिल कर फाइनल में प्रवेश किया, जिसमें सभी रियो ओलंपिक पदक विजेता शामिल थे। राही ने मनु के 588 अंकों के मुकाबले कुल 591 अंक हासिल किए, जबकि बुल्गारिया की एंटोनेटा कोस्टाडिनोवा 593 अंक के साथ शीर्ष पर रही। अन्ना कोराकाकी ने 584 अंकों के साथ छठा स्थान हासिल किया। फाइनल में राही ने पांच से शुरुआत की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फाइनल में उनका स्कोर 5,2,5,5,5,5,3,3,2,4 रहा।
राही ने पदक जीतने के बाद कहा, “ इस बार स्वर्ण पदक को लेकर मिला आश्वासन पिछली कुछ श्रृंखलाओं में सामने आई तकनीकी बातों से अधिक था, क्योंकि मैं कुछ चीजों को आजमाना चाहती थी, इसलिए मैं ऐसा कर रही थी। इस प्रतियोगिता में मेरे लिए पदक को लेकर ज्यादा कुछ नहीं था, क्योंकि मैं कुछ चीजों की कोशिश कर रही थी जो मैं ओलंपिक खेलों में करने की सोच रही हूं और यह उससे पहले की अंतिम प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता प्रदर्शन या पदक के बारे में बिल्कुल नहीं थी। यह आखिरी बार ओलंपिक से पहले चीजों को आजमाने और हर चीज को अंतिम रूप देने के बारे में था। इस उपलब्धि से मुझे आश्वासन मिला है कि मैं सही रास्ते पर हूं और मुझे ओलंपिक खेलों तक और बाद में भी इस पर काम करते रहना है। ”(वार्ता)