सोच में स्‍वर्ण पदक, बाकी दिन पर करेगा निर्भर : जीतू राय

Webdunia
सोमवार, 4 जुलाई 2016 (18:24 IST)
नई दिल्ली। 'पिस्टल किंग' नाम से मशहूर और रियो ओलंपिक में देश की सबसे बड़ी पदक  उम्मीद जीतू राय की सोच में इन खेलों में सोना जीतना है लेकिन साथ ही उनका कहना है कि यह सब कुछ रियो में दिन के खेल पर निर्भर करेगा।
रियो ओलंपिक के लिए निशानेबाजी में सबसे पहले ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले भारतीय  निशानेबाज जीतू पहली बार ओलंपिक में उतरने जा रहे हैं जिसे लेकर वे कुछ नर्वस और रोमांचित भी हैं। लेकिन वे खुद पर किसी तरह का दबाव हावी नहीं होने दे रहे हैं और ओलंपिक को भी किसी अन्य टूर्नामेंट की तरह देख रहे हैं। 
 
पिस्टल निशानेबाज ने सोमवार को यहां कहा कि मैं ओलंपिक को किसी दूसरे इवेंट की तरह ही  देख रहा हूं। बेशक यह मेरे पहले ओलंपिक हैं लेकिन मैं दबाव को खुद पर हावी नहीं होने देना  चाहता। मेरी खेलों के महाकुंभ के लिए तैयारी बहुत अच्छी चल रही है और पदक सोच के बारे में यदि आप सोचते हैं तो मेरी सोच में सोना है। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर पदक जीतना वैसे  उस दिन के आपके प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
 
ओलंपिक से पहले हाल में बाकू में हुए आईएसएसएफ विश्व कप में रजत पदक जीतने वाले  28 वर्षीय जीतू ने कहा कि मैंने इस टूर्नामेंट में पदक हासिल किया और मुझे लगता है कि मैं  सही समय पर अपनी फॉर्म में लौट रहा हूं। इससे पहले तक मैं संघर्ष कर रहा था इसलिए यह  पदक मेरे लिए बहुत मायने रखता है। ओलंपिक से पहले पदक जीतना किसी भी खिलाड़ी के  लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। 
 
सेना के निशानेबाज जीतू ने ओलंपिक के दबाव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि दबाव  ओलंपिक में ही नहीं, हर टूर्नामेट में होता है। जो दबाव को झेलना जानता है वही पदक जीत  सकता है। मैं ओलंपिक की तैयारियों में मानसिक मजबूती को लेकर कड़ा अभ्यास कर रहा हूं,  क्योंकि सही निशाने साधने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। 
 
पिस्टल निशानेबाज ने साथ ही कहा कि वे रियो ओलंपिक की शूटिंग रेंज में एक टेस्ट इवेंट  खेल चुके हैं, जहां वे फाइनल में पहुंचकर चौथे स्थान पर रहे थे तथा मुझे इस रेंज का अनुभव हो गया है और मुझे लगता है कि मैं ओलंपिक में देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करूंगा।
 
जीतू ने कहा कि मैं हमेशा ज्यादा आगे के बारे में नहीं सोचता। यदि आप ज्यादा आगे के बारे  में सोचेंगे तो आप उसी रौ में बह जाएंगे। बेहतर यही होगा कि जो आपके सामने है उसी के  हिसाब से तैयारी की जाए। 
 
राय ने कहा कि हर खिलाड़ी की तरह ओलंपिक में पदक जीतना मेरा भी सपना है और मैं इस सपने को इस बार पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोडूंगा। देशवासियों का समर्थन और दुआएं मेरे साथ है और मुझे लगता है कि मैं अपने देश को निराश नहीं करूंगा। (वार्ता) 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख