श्रीकांत ने फ्रेंच ओपन में भी लहराया परचम

Webdunia
रविवार, 29 अक्टूबर 2017 (21:59 IST)
पेरिस। भारत के स्टार शटलर किदाम्बी श्रीकांत ने अपनी बेहतरीन फार्म जारी रखते हुए यहां जापान के क्वालीफायर केंटा निशिमोतो को सीधे गेम में 21-12, 21-13 से हराकर फ्रेंच ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट के पुरुष एकल का खिताब जीता।
 
इस सत्र में अपने पांचवें फाइनल में पहुंचकर नया भारतीय रिकॉर्ड बनाने वाले श्रीकांत का यह इस साल का चौथा और कुल छठा सुपर सीरीज खिताब है। इससे पहले उन्होंने इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क ओपन में खिताब जीते थे। वे एक साल में चार या इससे अधिक सुपर सीरीज खिताब जीतने वाले दुनिया के केवल चौथे खिलाड़ी हैं।
 
विश्व में चौथे नंबर के इस भारतीय ने शुरू से ही दबदबा बना दिया था और केवल 34 मिनट में उन्होंने मैच अपने नाम किया। वे फ्रेंच ओपन जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। इस जीत से श्रीकांत ने निशिमोतो पर अपना दबदबा भी बरकरार रखा। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच अब तक जो दो मैच खेले गए उनमें भारतीय ने बाजी मारी है।
 
जापानी खिलाड़ी ने पहले गेम में शुरू में श्रीकांत को बराबर की टक्कर दी और एक समय वे 4-2 से आगे थे। श्रीकांत ने स्कोर 4-4 से बराबर किया, लेकिन निशिमोतो लगातार चार अंक बनाकर 9-5 से आगे हो गए। श्रीकांत ने यहां से लय पकड़ी और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अधिक आक्रामक खेल दिखाया और अपने करारे स्मैश से निशिमोतो को हैरान कर दिया।
 
श्रीकांत ने लगातार छ: अंक बनाए और पहले गेम में ब्रेक तक वे 11-9 से आगे थे। इसके बाद उन्होंने स्कोर 14-10 और फिर 18-12 पर पहुंचाया और जब फिर लगातार दो अंक बनाकर पहला गेम अपने नाम किया। दूसरे गेम में श्रीकांत ने शुरू से ही निशिमोतो को कोई मौका नहीं दिया। उन्होंने 4-0 से शुरुआत की और फिर जल्द ही 10-2 से आगे हो गए। जापानी खिलाड़ी ने लय हासिल करने की कोशिश की लेकिन श्रीकांत ब्रेक तक 11-5 से अच्छी स्थिति में दिख रहे थे। इसके बाद भी कहानी नहीं बदली। जब वे 20-12 से आगे थे तब निशिमोतो ने एक मैच प्वाइंट बचाया लेकिन श्रीकांत ने अगला अंक हासिल करके मैच अपने नाम किया। (भाषा)
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख