नई दिल्ली। लॉकडाउन कश्मीर के लिए कोई नई बात नहीं है लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण हुआ यह 21 दिन का बंद जरूर नया है और आम तौर पर बंद के दौरान आक्रोश या विरोध देखने को मिलता है जबकि इस बार चारोओर निराशा पसरी है।
रीयल कश्मीर फुटबॉल क्लब के मोहम्मद हमाद ने कहा, ‘यह निश्चित तौर पर अतीत के अनुभवों से अलग है।’
क्लब के डिफेंडर ने कहा कि हताशा हालांकि उसी तरह की है। उन्होंने धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां कराए गए बंद का हवाला देते हुए कहा, ‘यह निराशाजनक है क्योंकि कुछ महीने पहले ही हम बंद झेल चुके हैं।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन क्या हमारे पास विकल्प है। कुछ नहीं। पूरी दुनिया के पास कोई विकल्प नहीं है। सभी को सब्र से काम लेना होगा।’ पिछले साल धारा 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर में कई महीने बंद था और उस दौरान इंटरनेट तथा टेलिफोन भी नहीं चल रहे थे।
रीयल कश्मीर के सह मालिक संदीप चट्ट ने कहा, ‘यह बंद पिछली बार से अलग है क्योंकि इसमें फोन और इंटरनेट काम कर रहा है।’ टीम के मिडफील्डर खालिद कय्यूम ने कहा, ‘यह अतीत की तुलना में अलग तरह का बंद है। लेकिन कश्मीर के लोगों को पता है कि इस तरह के हालात का कैसे सामना करना है।’
उन्होंने कहा, ‘लोग एहतियात बरत रहे हैं और बिना वजह घर से नहीं निकल रहे।’ बंद के कारण टीम के विदेशी खिलाड़ी मेसन राबर्टसन और कालम हिगिनबाथम श्रीनगर में ही फंस गए हैं।
मेसन ने कहा, ‘मैं अमेरिका में अपनी मंगेतर से मिलने जाने वाला था लेकिन अब नहीं जा सकूंगा।’ वहीं उनके साथ ने कहा, ‘मैं 16 दिन से होटल के कमरे में बंद हूं। मैं जल्दी घर जाना चाहता हूं ताकि अपने परिवार को देख सकूं। लेकिन इस समय कुछ किया नहीं जा सकता।’ (भाषा)