विलिस का विंबलडन में जलवा

मयंक मिश्रा
ब्रेक्सिट से ब्रिटेन को एक तरह से गहरा सदमा लगा था, इससे ब्रिटेन थोड़ा संभल पाए तभी उनको दुखी करने के लिए उनकी फुटबॉल टीम आइसलैंड से हार गई, ऐसे में विंबलडन ने उनको थोड़ा सहारा दिया है, पहले तो यहां कुल 40 ब्रिटिश खिलाड़ी खेल रहे हैं जो की अपने आप में एक रिकॉर्ड है, इन खिलाड़ियों का स्वागत दर्शक जिस तरह से करतें है वो देखते ही बनता है, साथ ही एंडी मर्रे के बाद अब विलिस के रूप में उनको एक नया हीरो मिल गया है, जो बाकि खिलाड़ियों से काफी अलग भी है, उनका जूतों से बात करने से लेकर उसके कोर्ट पर गाना और नाचना यहां के पेपरों और लोगों में छाया हुआ है।
कल फेडरर के होते हुए भी विलिस को दर्शकों की तालियां ज्यादा मिल रही थीं, इसके बारे में मैच ख़त्म होने के बाद जब फेडरर से पूछा गया की आखिरी बार उन्होंने ऐसा कब महसूस किया था की दर्शक उनसे ज्यादा उनके विरोधी के समर्थन में है तो फेडरर का जवाब था 1999 में जब वो भी विलिस की ही तरह अपना करियर शुरू कर रहे थे। कल मैच शुरू होने के समय अंपायर ने जब खिलाड़ियों से कहा की ख़राब भाषा का प्रयोग ना करें तो विलिस ने मजाक में कहा की वो कोशिश करेंगे, उन्होंने इसके साथ मैच में भी बढ़िया खेलने की पूरी कोशिश की, मैच में फेडरर की सर्विस ब्रेक को ब्रेक पॉइंट तक पहुंचाना और फेडरर के ऊपर से लॉब मारकर पॉइंट जीतना विलिस के लिए कल के मैच के यादगार पल रहे थे। खुद को सेंटर कोर्ट के माहौल में ढालने के लिए विलिस अपने मैच से पहले जोकोविच के मैच में दर्शकों के बीच बैठे थे, वहीँ फेडरर ने भी उनको सेंटर कोर्ट पर पहले चलकर आने देने का मौका दिया और खुद विलिस के पीछे रहे, क्योंकि उनके अनुसार उनको लगा की यह विलिस का पल होना चाहिए, विलिस के लिए पिछले कुछ दिन बहुत कुछ बदलाव के रहें है, और उम्मीद है की आने वाले वक़्त में विलिस कहीं फिर से खो नहीं जाएंगे।
 
इस मैच से पहले हुए मैच में जोकोविच ने फ्रांस के एड्रियान को सीधे सेटों में हराया, एड्रियान पहले ही कह चुके थे की जोकोविच को हरा पाना उनके बस के बाहर है, उनकी जीत तभी हो सकती है जब जोकोविच की तबियत ख़राब हो जाए या फिर जोकोविच के जूतों के फीतों को आपस में बांध दिया जाए, कल ऐसा तो नहीं हुआ पर फिर भी एड्रियान ने अपने ड्रॉप शॉट्स से जोकोविच को कई बार गिरा जरूर दिया,  जोकोविच को मैच में अपना फॉर्म पाने में थोडा वक़्त जरूर लगा, मगर जब वो फॉर्म में आ गए तो उन्होंने एड्रियान की ताक़त रहे उनके फोरहैंड को भी कमजोर बना दिया, साथ ही उन्होंने फ्रेंच में ही बोला, क्योंकि एड्रियान फ्रांस के है, यह बातें जोकोविच की तैयारियों के बारे में काफी बता देती है।
 
कल दिनभर हुई बारिश के चलते सेंटर कोर्ट के अलावा बहुत कम टेनिस मैच हो पाए, इसके चलते बाकि कोर्ट्स के ख़रीदे गए टिकट्स का पैसा वापस करने का फैसला नियमों के अनुसार होना तय हुआ है, साथ ही पुरुषों के डबल्स के मैच इस साल अब पांच की बजाय अब तीन सेटों के होंगे, आज का मौसम अच्छा होने की संभावनाएं काफी है, और ऐसा नहीं होना आयोजकों के लिए मुश्किलें और बढ़ा देगा।
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