टोक्यो ओलंपिक 2020 की रजत पदक विजेता भारतीय महिला भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने कहा कि जीत और हार को एक जैसा समर्थन मिलना चाहिए। फिक्की टर्फ 2025 ग्लोबल स्पोर्ट्स समिट में बीजिंग ओलंपिक 2008 के कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह के साथ शामिल हुई मीराबाई चानू ने,”भारत को अपने अगले ओलंपिक हीरोज के लिए क्या चाहिए विषय को लेकर अगले ओलंपिक की तैयारी के लिए जरूरी व्यवस्था, सोच और समर्थन पर चर्चा के दौरान यह बात कही।
मीराबाई ने कहा, “जब मैंने टोक्यो ओलंपिक में रजत जीता था, तो हजारों लोग घर पर मेरा स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे थे। लेकिन एशियन गेम्स में मुकाबला करते समय चोट लगने के बाद, जब मैं पदक नहीं जीत सकी, तो मैं भारत पहुंची और हवाई अड्डे पर कोई नहीं था। अगर हम चाहते हैं कि हमारे अगले ओलंपिक हीरो सच में सफल हों, तो जीत और हार में समर्थन एक जैसा होना चाहिए। एथलीट तब बेहतर परफॉर्म करते हैं जब उन्हें पता होता है कि नतीजे चाहे जो भी हों, उनकी कद्र की जाती है और उन्हें सभी का सपोर्ट है।”
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत की सफलता पक्की करने के लिए अगली पीढ़ी को तैयार करने की अहमियत पर भी बल देते कहा, “हमें भारत के लिए पदक लाने की चाह रखने वाले एथलीटों की अगली पीढ़ी पर ध्यान देना चाहिए। सबसे जरूरी बात यह पक्का करना है कि उनकी जरूरतें और तैयारियां सही तरह से पूरी हों। कोई कमी नहीं होनी चाहिए और उन्हें आगे बढ़ने के लिए सही प्लेटफ़ॉर्म दिया जाना चाहिए।” हाई-प्रेशर गेम्स से पहले एक मजबूत और पॉज़िटिव सोच बनाए रखने की अहमियत पर बल देते हुए मुक्केबाज विजेंदर ने कहा, “हम चुने हुए हैं, किस्मत वाले हैं। सही सोच रखना बहुत जरूरी है। हम किसी से भी मुकाबला करें, हमें यह मानकर मैदान में उतरना चाहिए कि हम जीत सकते हैं। हमें खुद को सबसे अच्छा समझना चाहिए और अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। सोच सबसे जरूरी है।”
इस अवसर प्रो कबड्डी लीग की डायरेक्टर चारू शर्मा ने परिवार के समर्थन की भूमिका पर बल देते हुए कहा, “भारत को मीराबाई की मां टॉम्बी जैसे और माता-पिता की जरूरत है, जो अपने बच्चों को पूरे दिल से खेल में आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा दें। यह ग्लोबल स्तर पर हमारे देश की किस्मत बदल देगा।” पैनल ने कहा कि एथलीटों का लगातार समर्थन, युवाओं में निवेश, परिवार से जुड़ाव और एक मजबूत स्पोर्ट्स व्यवस्था को भारत के ओलंपिक हीरोज की अगली लहर के लिए जरूरी है।