जूनियर और सीनियर के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा : श्रीजेश

Webdunia
मंगलवार, 21 मार्च 2017 (23:30 IST)
बेंगलुरु। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान पीआर श्रीजेश ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि जूनियर और सीनियर खिलाड़ियों के बीच राष्ट्रीय टीम में जगह के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। नए ओलंपिक चक्र में जूनियर खिलाड़ियों को तवज्जो दी जा रही है। सीनियर खिलाड़ियों को उन्हें निखारने की जिम्मेदारी के अलावा टीम में अपना स्थान बनाए रखने के लिए स्वयं अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है। 
 
श्रीजेश ने राष्ट्रीय शिविर में कहा, यह नई शुरुआत है और कई युवा खिलाड़ी मुख्य संभावित खिलाड़ियों में जगह बना रहे हैं। सीनियर टीम में जगह बनाने के लिए जूनियर के साथ साथ सीनियर को भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा।  उन्होंने कहा, जूनियर खिलाड़ियों को अपने कौशल और मैदानी प्रदर्शन को लगातार बेहतर करने की जरूरत है। उन्हें शिविर में अच्छी तरह से तालमेल बिठाकर साबित करना होगा कि वे उस पोजीशन के लिए उपयोगी हैं और सीनियर खिलाड़ी की जगह लेने के लिए तैयार हैं। 
जहां तक सीनियर खिलाड़ी की बात है उसे जूनियर की फिटनेस और तेजी दोनों से बराबरी करनी होगी। श्रीजेश ने कहा, हम जानते हैं कि जूनियर के पास भविष्य है क्योंकि हम 2020 तोक्यो ओलंपिक की तैयारियां कर रहे हैं लेकिन उन्हें टीम में अपनी जगह पक्की नहीं माननी चाहिए। उन्हें इसे हासिल करना होगा। पिछले साल जूनियर पुरुष विश्व कप जीतने वाली भारतीय जूनियर टीम के खिलाड़ियों का 2016 में प्रदर्शन शानदार रहा और उन्होंने 2017 हाकी इंडिया लीग में अच्छा खेल दिखाया। 
 
लेकिन श्रीजेश का मानना है कि सीनियर टीम में खेल का स्तर पूरी तरह से भिन्न होता है। उन्होंने कहा, हम जिस व्यवस्था का अनुसरण कर रहे उसको अपनाने, हम कैसे रणनीति बनाते हैं उसे सीखने और उस पर अमल करने के लिहाज से ए छह सप्ताह (राष्ट्रीय शिविर में) उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। हालांकि उन्होंने जूनियर टीम में रहते हुए हमें करीब से अभ्यास करते हुए देखा है और हम एक ही शिविर में रहते हैं लेकिन हमें अभ्यास करते हुए देखना और व्यवस्था का हिस्सा बनना दोनों पूरी तरह से भिन्न हैं।  
 
श्रीजेश को लगता है कि युवा खिलाड़ियों के पास सरदार सिंह और एस वी सुनील जैसे शीर्ष खिलाड़ियों की जगह लेने का यह शानदार अवसर है। उन्होंने कहा, सरदार सिंह और सुनील जैसे सीनियर खिलाड़ियों ने खेल के प्रति अपने समर्पण का बेजोड़ नमूना दिखाया है और जूनियर खिलाड़ी उनसे काफी कुछ सीख सकते हैं। 
 
सीनियर होने के नाते हमारी जूनियर खिलाड़ियों को तैयार करने और यह सुनिश्चित करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है कि टीम ने जो लक्ष्य तय किए है उन्हें हासिल करने के लिए वे सही राह पर आगे बढ़ें। नए सहयोगी स्टाफ के बारे में श्रीजेश ने कहा कि भारतीय टीम के दो पूर्व सदस्यों का शामिल होना टीम के लिए प्रेरणादाई है। 
 
उन्होंने कहा, अर्जुन हलप्पा आक्रामक सेंटर फारवर्ड और मिडफील्डर थे जबकि जुगराज सिंह बहुत अच्छे रक्षक और ड्रैग फ्लिक विशेषज्ञ थे। वे जुनून, टीम संस्कृति को जानते हैं और उनके सहयोगी स्टाफ में शामिल होने से काफी फायदा मिलेगा। मैंने इससे पहले एचआईएल में हैंस स्ट्रीडर (विश्लेषणात्मक कोच) के साथ काम किया और वह अच्छे रणनीतिकार हैं। (भाषा) 
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