टूट गया पेस का यह सपना...

Webdunia
रविवार, 7 अगस्त 2016 (08:40 IST)
रियो डि जेनेरियो। भारत के टेनिस लीजेंड लिएंडर पेस के ओलंपिक सपने का आज दुखद अंत हो गया। 43 साल की उम्र में अपना सातवां ओलंपिक खेल रहे पेस बड़े अरमानों के साथ रियो ओलंपिक में उतरे थे कि वह 1996 के अटलांटा ओलंपिक के व्यक्तिगत कांस्य पदक में एक और पदक का इजाफा कर ओलंपिक को अलविदा कह सकेंगे लेकिन उनकी यह तमन्ना पूरी नहीं हो पाई।
 
पेस और रोहन बोपन्ना की जोड़ी रियो ओलंपिक की टेनिस प्रतियोगिता के पुरुष युगल के पहले दौर में शनिवार को हारकर बाहर हो गई। इसे भारत का दुर्भाग्य कहें कि ओलंपिक शुरू होने से पहले ही अनावश्यक विवाद खड़े होते रहे और पदक संभावना परवान चढ़ने से पहले ही दम तोड़ गई।
 
चार साल पहले लंदन ओलंपिक के समय पेस युगल में महेश भूपति के साथ जोड़ी बनाना चाहते थे लेकिन भूपति बोपन्ना के साथ जोड़ी बनाकर खेलना चाहते थे। उस समय भूपति और बोपन्ना एटीपी टूर में साथ-साथ खेल रहे थे। पेस तब देश के शीर्ष युगल खिलाड़ी थे। भूपति और बोपन्ना दोनों ने ही पेस के साथ खेलने से इंकार कर दिया।
 
ऐसे समय में अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने इस विवाद का हल कुछ इस तरह निकाला कि पेस मिश्रित युगल में सानिया मिर्जा के साथ खेलें और पुरुष युगल में विष्णुवर्धन के साथ खेलें जबकि भूपति और बोपन्ना पुरुष युगल में एक साथ जोड़ी बनाएं।
 
उस समय के इस तमाम विवाद का असर यह हुआ कि भारत के हाथ टेनिस में एक भी पदक नहीं लगा। इस बार भी ओलंपिक से पहले यही स्थिति हुई। पेस बोपन्ना के साथ जोड़ी बनाना चाहते थे लेकिन शीर्ष युगल खिलाड़ी होने के कारण बोपन्ना ने अपनी पसंद साकेत मिनैनी को बताया।
 
एआईटीए ने बोपन्ना की पसंद खारिज करते हुए उनकी पेस के साथ जोड़ी बना दी। पेस और बोपन्ना पूरे साल एक बार भी साथ-साथ नहीं खेले थे और ओलंपिक से कुछ पहले जुलाई में डेविस कप मुकाबले में वे कोरिया के खिलाफ युगल मैच में उतरे। हालांकि दोनों ने यह मैच जीता लेकिन तालमेल का अभाव साफ नजर आया।
 
ओलंपिक शुरू होने से 24 घंटे पहले पेस के खेलगांव में देरी से पहुंचने और कमरा देरी से मिलने पर भी विवाद खड़ा हुआ। यह बातें सामने आईं कि पेस खेलगांव में बोपन्ना के साथ कमरा साझा नहीं करना चाहते हैं।
 
बोपन्ना को अभ्यास के लिए एक विदेशी खिलाड़ी का सहारा लेना पड़ा। विवाद बढ़ता कि पेस और भारतीय दल प्रमुख राकेश गुप्ता ने इसे संभालने की कोशिश की और इन खबरों को बेबुनियाद बताया लेकिन जो नुकसान होना था, वह हो चुका था। पेस और बोपन्ना पहले ही राउंड में बाहर हो गए।
 
18 ग्रैंड स्लेम खिताबों के विजेता को अपने रिकॉर्ड सातवें ओलंपिक में ऐसे बाहर होना पड़ेगा, इसकी उम्मीद किसी भारतीय को नहीं थी लेकिन यह एआईटीए के लिए एक सबक होना चाहिए कि ओलंपिक समय में खिलाड़ियों को कुछ महीने पहले से ही एक साथ खेलना शुरू कर देना चाहिए ताकि उनके बीच मैच जीतने लायक तालमेल बन सके।
 
ओलंपिक इतिहास में भारत के टेनिस लीजेंड की यह हार निश्चित रूप से करोड़ों भारतीयों को चोट पहुंचाने वाली रही और खुद पेस भी बड़ी निराशा के साथ खेलों के महाआयोजन से अलविदा हो गए। (वार्ता)
 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मैच के बाद ऑफिस का काम, लोगों ने कहा नारायण मूर्ति कहीं सौरभ नेत्रवलकर को भारत न बुला लें

कुर्बानी के जानवर हाजिर हों, पाकिस्तान टीम को उनके ही मुल्क के पूर्व दिग्गजों ने खूब लताड़ा

फारुकी ने लाइव इंटरव्यू में राशिद खान को बोला You Shut Up, कॉलेज के दिनों की दिलाई याद

सबसे ज्यादा चर्चा में रहा अमेरिका का Nassau Stadium ध्वस्त करने की तैयारी शुरू

पाकिस्तानी क्रिकेटर ने Vaishno Devi Attack को लेकर किया पोस्ट, भारतीय है खिलाड़ी की पत्नी, जानें क्या बोले

सभी देखें

नवीनतम

West Indies : टी20 विश्व कप के 9 संस्करणों में मेजबान देश कभी खिताब नहीं जीत पाया

SA vs WI : लगभग चोक कर गए थे, मार्कराम ने दी जीत के बाद टीम को नसीहत

स्मृति मंधाना ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर रचा इतिहास, ऐसा करने वाली पहली महिला बल्लेबाज बनीं

IND vs AUS : मैच पर बारिश का साया, क्या होगा अगर मैच धुला तो? जानें सेमीफाइनल समीकरण

T20I World Cup नहीं जीत पाता मेजबान देश, आज वेस्टइंडीज भी हुई बाहर

अगला लेख