Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पैरा निशानेबाजी विश्वकप में भी भारत ने जीते सर्वाधिक मेडल

हमें फॉलो करें पैरा निशानेबाजी विश्वकप में भी भारत ने जीते सर्वाधिक मेडल
, शुक्रवार, 22 जुलाई 2022 (17:02 IST)
म्यूनिख: पैरालंपिक पदक विजेता सिंघराज अधाना ने यहां पैरा निशानेबाजी विश्व कप के अंतिम दिन दो स्वर्ण पदक जीते जिससे भारत ने इस प्रतियोगिता में कुल 10 पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।सिंघराज के दो पदकों से भारत तालिका में शीर्ष पर पहुंच गया, जो देश का इस प्रतियोगिता में 2017 में पहली बार हिस्सा लेने के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने छह स्वर्ण, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता।

फ्रांस (11) और यूक्रेन (15) तालिका में क्रमश: चार और तीन स्वर्ण पदक जीतकर दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
प्रतियोगिता के अंतिम दिन तोक्यो पैरालंपिक रजत पदक विजेता सिंघराज ने 224.1 अंक से स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

यूक्रेन के ओलेकसी देनिसियूक (216.2 अंक) ने रजत और कोरिया के जियोंग्डू जो (193.9 अंक) ने कांस्य पदक जीता।व्यक्तिगत स्पर्धा से पहले सिंघराज ने हमवतन दीपेंदर सिंह और मनीष नरवाल के साथ मिलकर टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक हासिल किया।

व्यक्तिगत स्वर्ण भी सिंघराज का पी4 स्पर्धा में पहला सोने का तमगा है जिसमें वह पहले कई रजत और कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं।
webdunia

सिंघराज ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि आखिर में मैं इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहा। मैं फ्रांस में चाटीयूरोक्स 2022 में स्वर्ण जीतना चाहता था लेकिन तकनीकी खामियों के कारण ऐसा नहीं कर पाया था। मैं खुश हूं कि म्यूनिख में योजना के अनुसार खेल सका। मैं अपनी सफलता के लिये अपने कोचों को धन्यवाद कहना चाहूंगा। ’’

इससे पहले भारत ने पैरा निशानेबाजी विश्व कप में अपना अभियान राहुल जाखड़ के पी3 मिश्रित 25 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में जीते गये स्वर्ण पदक से किया था।

जाखड़ ने फिर सिंघराज और निहाल के साथ मिलकर टीम स्पर्धा में पहला स्थान हासिल किया।फिर निशानेबाज मनीष नरवाल और रूबिना फ्रांसिस ने पी6 मिश्रित टीम 10 मीटर एयर एसएच1 पिस्टल स्पर्धा में एक और स्वर्ण पदक दिलाया।भारतीय पैरा निशानेबाजी टीम अब संयुक्त अरब अमीरात में नवंबर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लेगी।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'धीमी मौत मर रहा है वनडे क्रिकेट', अकरम के बाद अब ख्वाजा ने भी माना