प्रो कबड्डी लीग में पिछली बार थे 6 करोड़पति, इस बार हैं 2 खिलाड़ी

Webdunia
बुधवार, 10 अप्रैल 2019 (09:26 IST)
मुंबई। प्रो कबड्डी लीग के सातवें संस्करण के लिए सोमवार और मंगलवार को यहां हुई दो दिन की खिलाड़ी नीलामी में इस बार दो खिलाड़ी ही करोड़पति बन पाए, जबकि पिछले सत्र में छह खिलाड़ी करोड़पति बने थे।

प्रो कबड्डी की नीलामी संपन्न होने के बाद सातवें सत्र के लिए 12 फ्रेंचाइजी टीमों ने कुल 200 खिलाड़ियों को खरीदा। सातवें सत्र के लिए 173 घरेलू खिलाड़ी और 27 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी प्रो लीग का हिस्सा होंगे। फ्रेंचाइजी टीमों ने खिलाड़ियों को खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की।

सिद्धार्थ देसाई 1.45 करोड़ रुपए के साथ इस सत्र के सबसे महंगे खिलाड़ी और लीग इतिहास के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बने। पिछले सत्र में हरियाणा स्टीलर्स ने मोनू गोयत को 1.51 करोड़ रुपए में खरीदा था। इस बार नितिन तोमर 1.20 करोड़ रुपए के साथ दूसरे करोड़पति खिलाड़ी रहे। सिद्धार्थ को तेलुगु टाइटंस ने 1.45 करोड़ रुपए की भारी भरकम कीमत पर खरीदा जबकि नितिन तोमर को पुणेरी पल्टन ने 1.20 करोड़ में खरीदा।

रेडर मनजीत बी वर्ग में सबसे अधिक कीमत पाने वाले खिलाड़ी रहे। पुणेरी पल्टन ने मनजीत को 63 लाख रुपए में खरीदा जबकि डिफेंडर महेन्दर सिंह को बेंगलुरु बुल्स ने वर्ग बी में 80 लाख रुपए में खरीदा।

विदेशी खिलाड़ियों में ईरान के मोहम्मद इस्माइल नबी बख्श को बंगाल वॉरियर्स ने 77.75 लाख रुपए में खरीदा और वह लीग के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गए। ईरान के अबुजर मोहाजेरमिगानी को तेलुगु टाइटंस ने 75 लाख रुपए में खरीदा, जबकि कोरिया के जांग कुन ली 40 लाख रुपए में तीन बार के चैंपियन पटना पाइरेट्स के हिस्से में गए।

इस बार सर्वाधिक कीमत मिलने पर सिद्धार्थ देसाई ने कहा, मैं तो कीमत देखकर खुशी से उछल ही पड़ा। मैं मामूली पृष्ठभूमि से आता हूं और मेरे पिता किसान है। मैं जानता हूं कि एक कबड्डी खिलाड़ी बनना कितना मुश्किल काम है। मैं तेलुगु टाइटंस का धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने मेरी प्रतिभा पर भरोसा किया। मैं अब पूरी कोशिश करूंगा कि अपनी टीम के लिए शत-प्रतिशत प्रदर्शन करूं।

यू मुम्बा ने इस बार सिद्धार्थ को रिटेन नहीं किया था और तेलुगु टीम ने उन्हें खरीद लिया। सिद्धार्थ ने पिछले सत्र में प्रो लीग में अपना पदार्पण किया था और शानदार प्रदर्शन करते हुए 218 रेड अंक जुटाए थे। उनके कुल अंक 221 रहे थे। उनके इस प्रभावशाली प्रदर्शन ने ही उन्हें लीग के इतिहास का दूसरा सबसे महंगा खिलाड़ी बना दिया।

लीग में खिलाड़ियों को खरीदने में इस बार 50 करोड़ रुपए से अधिक की रकम खर्च की गई जो छठे सत्र की नीलामी से ज्यादा थी। लेकिन करोड़पति खिलाड़ियों की संख्या में इस बार कमी आ गई। पिछली बार छह खिलाड़ी करोड़पति बने थे लेकिन इस बार करोड़पति खिलाड़ियों की संख्या घटकर दो रह गई।

ज्यादा कीमत पाने वाले अन्य खिलाड़ियों में राहुल चौधरी को तमिल तलाइवास ने 94 लाख, मोनू गोयत को यूपी योद्धा ने 93 लाख और संदीप नरवाल को यू मुम्बा ने 89 लाख रुपए में खरीदा। प्रशांत के राय 77 लाख रुपए में हरियाणा स्टीलर्स के हिस्से में गए।

महेन्दर सिंह को बेंगलुरु ने 80 लाख, सुरेंद्र नाडा को पटना ने 77 लाख, प्रवेश बैंसवाल को गुजरात फॉर्च्यूनजायंट्स ने 75 लाख, रविन्दर पहल को दबंग दिल्ली ने 60 लाख और विशाल भारद्वाज को तेलुगु टीम ने 60 लाख रुपए में खरीदा।

यूपी ने पिछले सत्र के अपने कप्तान रिशांक देवाडिगा को 61 लाख रुपए और श्रीकांत जाधव को 68 लाख रुपए में रिटेन किया। मंजीत को पुणेरी पल्टन ने 63 लाख और सुरजीत को 55 लाख, के प्रपंजन को बंगाल वॉरियर्स ने 55.5 लाख और अमित हुड्डा को जयपुर पिंक पैंथर्स ने 53 लाख रुपए में खरीदा।

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