हॉकी कप्तान रानी रामपाल ने कहा- अर्जेंटीना दौरे से खेल के स्तर के बारे में पता चलेगा...

Webdunia
शनिवार, 16 जनवरी 2021 (17:21 IST)
ब्यूनस आयर्स। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल का मानना है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण दुनियाभर में प्रतियोगिताओं के रूकने के लगभग एक साल बाद अर्जेंटीना दौरे से खेल के स्तर के बारे में पता चलेगा।

यह महिला टीम अंतरराष्ट्रीय मैचों को फिर से शुरू करने वाली भारत की पहली हॉकी टीम बनेगी, जिसे अर्जेंटीना दौरे पर खेले जाने वाले आठ मैचों के पहले मुकाबले को रविवार को खेलना है। रानी ने कहा, यह दुनियाभर में खेल से जुड़े लोगों के लिए एक अजीब तरह का समय रहा है लेकिन हम जिस चीज से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं उसे फिर से शुरू करने का एहसास सबसे अच्छा है।

उन्होंने कहा, हम कुछ मजबूत टीमों के खिलाफ खुद को परखना चाहते हैं और यह भी समझना चाहते हैं कि फिलहाल हमारा स्तर क्या है।रानी ने कहा कि इस श्रृंखला में अच्छे प्रदर्शन से इस साल होने वाले ओलंपिक से पहले उनकी टीम का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि प्रतिस्पर्धी हॉकी को फिर से शुरू करने के मामले में यह दौरा हमारे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है।रानी ने कहा, हमारे लिए यह काफी अहम साल है और ऐसी मजबूत टीमों के खिलाफ कड़ी मेहनत करके हम टोक्यो ओलंपिक के लिए बेहतर तैयारियों करने के अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ सकेंगे।

इस 26 साल की अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ी ने कहा कि हम सब ओलंपिक वर्ष के महत्व को समझते हैं, लेकिन लगभग एक साल तक प्रतियोगिताओं से दूर रहने के कारण लय हासिल करने में समय लगेगा।

उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि इस वर्ष हमारा उद्देश्य क्या है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम इस वर्ष की शुरुआत सही तरीके से करें और कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन कर फिर से लय हासिल करें।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख