फेडरर चौथे एटीपी खिताब के क्वार्टर में, हालेप मियामी सेमीफाइनल में

Webdunia
गुरुवार, 28 मार्च 2019 (20:48 IST)
मियामी। स्विस मास्टर रोजर फेडरर ने अपने चौथे एटीपी खिताब की तरफ एक कदम और करीब बढ़ाते हुए मियामी ओपन टेनिस टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली है जबकि महिला खिलाड़ी रोमानिया की सिमोना हालेप ने अंतिम चार में जगह बना ली हैं। 
 
 
फेडरर ने पुरुष एकल के चौथे दौर के मुकाबले में रूस के दानिल मेदवेदेव को सिर्फ 61 मिनट में 6-4, 6-2 से आसानी से हराया। भारी बारिश के कारण मैच को मंगलवार टालना पड़ा था लेकिन एक दिन देरी से हुए मैच में 20 बार के ग्रैंड स्लेम चैंपियन ने जल्दी से अपनी जीत सुनिश्चित की और अब अंतिम आठ में वह दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन से मुकाबले में उतरेंगे। 
 
23 साल के मेदवेदेव अच्छी फार्म में हैं और गत माह सोफिया में उन्होंने अपना चौथा एटीपी खिताब जीता था जबकि मियामी में वह पहले मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से एक कदम दूर थे। लेकिन सेंटर कोर्ट पर दर्शकों की भीड़ के सामने वह फेडरर के अनुभव का जवाब नहीं दे सके जो अपने 101वें करियर खिताब से अब चंद कदम दूर हैं। 
 
फेडरर ने कहा, मेरे लिए दूसरा सेट काफी आसान रहा और मैंने सहजता से अपने शॉट्स खेले। मैं खुश हूं कि क्वार्टर फाइनल में मैं केविन से खेलूंगा जो अपनी चोट के बाद वापसी कर रहे हैं। वह बेहतरीन सर्विस करते हैं। दूसरी ओर महिलाओं में रोमानियाई खिलाड़ी हालेप ने नंबर वन रैंकिंग की तरफ कदम बढ़ाते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली।
 
उन्होंने चीन की वांग कियांग को 6-4, 7-5 से हराया। हालेप के लिए अब हार्ड रॉक स्टेडियम में अगले मैच में जापान की नाओमी ओसाका को हराना होगा और वह विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच जाएंगी जबकि इस वर्ष ओसाका ने करियर में दूसरा मेजर खिताब ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में जीता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख