फेडरर की 'विंबलडन' से हो सकती है विदाई...

Webdunia
सोमवार, 17 जुलाई 2017 (17:19 IST)
लंदन। विंबलडन ग्रैंड स्लेम का आठवीं बार खिताब जीतकर इतिहास रचने वाले स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर संभवत: अगले वर्ष यहां अपने खिताब का बचाव करने नहीं उतरेंगे। सेंटर कोर्ट पर अपनी जीत के बाद उन्होंने कहा कि उम्र और गत वर्ष चोट के बाद वह यह नहीं कह सकते हैं कि अगले वर्ष अपने खिताब का बचाव करने यहां उतरेंगे या नहीं।
         
फेडरर ने क्रोएशिया के मारिन सिलिच को हराकर विंबलडन में रिकॉर्ड आठवीं बार खिताब जीता है जो उनका कुल 19वां ग्रैंड स्लेम खिताब भी है, लेकिन कुछ सप्ताह बाद 36 वर्ष के होने जा रहे स्विस मास्टर ने यह कहकर प्रशंसकों को कुछ दुविधा में डाल दिया है कि वे इस बात की गारंटी नहीं दे सकते कि अगले वर्ष फिर से ऑल इंग्लैंड में खेलने आएंगे।
        
14 वर्ष पहले फेडरर ऑल इंग्लैंड क्लब में खेलने आए थे और अब 35 साल की उम्र में उन्होंने यहां आठवीं बार खिताब जीता है। वे रिकॉर्ड 11वीं बार विंबलडन फाइनल खेलने वाले भी पहले टेनिस खिलाड़ी हैं जिन्होंने पहली बार फाइनल में पहुंचे क्रोएशियाई खिलाड़ी को लगातार सेटों में आसानी से हराया।
        
सेंटर कोर्ट पर अपनी जीत के बाद उन्होंने कहा कि उम्र और गत वर्ष चोट के बाद वह यह नहीं कह सकते हैं कि अगले वर्ष अपने खिताब का बचाव करने यहां उतरेंगे या नहीं। 35 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी ने कहा, उम्मीद करूंगा कि वापस आ सकूं लेकिन कोई गारंटी नहीं दे सकता।
         
गत वर्ष फेडरर को विंबलडन से बाहर होने के बाद अगले छह महीने चोट के कारण टेनिस से दूर रहना पड़ा था। उन्होंने 2012 के बाद से कोई खिताब नहीं जीता था जिससे पूर्व नंबर एक खिलाड़ी के करियर के अंत के रूप में भी देखा जाने लगा था। लेकिन चोट के बाद जबरदस्त वापसी करने वाले फेडरर ने इस वर्ष ऑस्ट्रेलियन ओपन में खिताब जीता और क्ले कोर्ट सत्र से दूर रहने के बाद अपने पसंदीदा ग्रास कोर्ट पर विंबलडन के रूप में अपना 19वां स्लेम जीत लिया। 
 
फेडरर ने कहा, आपको कुछ समय पहले यह सुनकर हंसी आ जाती कि मैं इस वर्ष दो ग्रैंड स्लेम जीतूंगा। खुद मुझे भी इस बात का विश्वास नहीं है कि मैं दो स्लेम जीत लूंगा, लेकिन यह जीत कमाल की है। मैं नहीं जानता कि और कितने दिनों तक यह लय रहेगी, लेकिन मैं खुद को हमेशा याद दिलाता हूं कि स्वास्थ्य ही प्राथमिकता है। यदि मैं ऐसा करूंगा, तभी चीजें संभव हो सकेंगी।
        
विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी ने वर्ष 2003 में अपना पहला विंबलडन खिताब जीता था। उस समय वे पोनी बनाकर खेला करते थे, जबकि मौजूदा समय में फेडरर के हावभाव में उनके खेल जितनी परिपक्वता दिखाई देती है और वह यह खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बन गए  हैं। 
      
फेडरर ने रिकॉर्ड आठवीं बार विंबलडन जीतने के साथ इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है और इस मामले में पीट सम्प्रास और विलियम रेनशॉ को पीछे छोड़ दिया है जिन्‍होंने करियर में सात-सात बार यहां खिताब जीते हैं।
       
उन्होंने कहा, विंबलडन मेरा हमेशा से पसंदीदा टूर्नामेंट रहा है और आगे भी रहेगा। मेरे हीरो ने भी इस कोर्ट पर खेला है और उन्हीं की वजह से मुझे लगता है कि मैं बेहतर खिलाड़ी बन पाया। मेरे लिए विंबलडन में उनकी वजह से इतिहास बनाना बहुत बड़ी कामयाबी है। (वार्ता)
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

पाकिस्तान ने Under19 एशिया कप में भारत को हराया, सूर्यवंशी ने किया निराश

IND vs AUS : पूर्व तेज गेंदबाज की टीम को सलाह कहा, लाबुशेन को दूसरे टेस्ट करो बाहर

IND vs AUS : जडेजा-अश्विन ऐसे खिलाड़ी हैं जो टीम की जरुरत के साथ खुद को ढालना जानते हैं

ENG vs NZ : क्राइस्टचर्च टेस्ट इंग्लैंड की गिरफ्त में, जीत के लिए 4 विकेट की दरकार

अकेले ही पाक को भारत के खिलाफ 281 तक ले गया 150 रन जड़ने वाला यह बल्लेबाज

अगला लेख