नई दिल्ली:महिला खिलाड़ियों द्वारा अपने कोच के खिलाफ उत्पीड़न की दो शिकायतों के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने बुधवार को राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के लिये घरेलू और विदेश में होने वाली प्रतियोगिताओं में महिला प्रतिभागी होने की स्थिति में एक महिला कोच दल में शामिल करना अनिवार्य कर दिया।
हाल की घटनाओं को देखते हुए साइ महानिदेशक संदीप प्रधान ने सोमवार को नये प्रोटोकॉल पर चर्चा करने के लिये 15 से ज्यादा एनएसएफ के अधिकारियों से सात बातचीत की जो आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में खिलाड़ियों को भेजेंगे।
एक महिला साइकिलिस्ट ने हाल में मुख्य कोच आर के शर्मा पर स्लोवेनिया में अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की थी। कोच को फिर बर्खास्त कर दिया गया और उनके खिलाफ विस्तृत जांच चल रही है।
एक महिला सेलर (नौका चालक) ने भी जर्मनी में ट्रेनिंग दौरे के दौरान उन्हें असहज महसूस कराने की शिकायत दर्ज की थी, हालांकि उन्होंने शारीरिक उत्पीड़न की शिकायत नहीं की थी।
साइ की विज्ञप्ति के अनुसार एनएसएफ पर कुछ जिम्मेदारियां सौंपी गयी हैं जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिये यात्रा के दौरान महिला एथलीट होने की स्थिति में दल में महिला कोच ले जाना अनिवार्य होना शामिल है।
एनएसएफ को सभी राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों और विदेशी दौरों में अनुपालन अधिकारी (पुरूष और महिला) नियुक्त करने को कहा गया है।
अनुपालन अधिकारी की भूमिका और जिम्मेदारियों में खिलाड़ी और अन्य के साथ नियमित रूप से संवाद करना शामिल होगा ताकि सुनिश्चित हो कि दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है और साथ ही खेलों में शारीरिक उत्पीड़न रोकने के लिये मानक परिचालन प्रक्रिया लागू करना भी शामिल होगा।
विज्ञप्ति के अनुसार, अन्य दायित्वों में उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अगर कोई सदस्य उल्लघंन की रिपोर्ट करता है तो इसे जल्द से जल्द जिम्मेदार अधिकारियों को रिपोर्ट करना चाहिए।
महासंघों से यह भी कहा गया है कि वे शिविर पूर्व संवेदीकरण मॉड्यूल डिजाइन करें और किसी भी राष्ट्रीय कोचिंग शिविर और विदेशी दौरों के शुरू होने से पहले सभी खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ को एक साथ इसे प्रस्तुत करें। साइ ने एनएसएफ से अपने कोचिंग विभागों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने को कहा है।
साइ ने विज्ञप्ति में कहा, इन दिशानिर्देशों से सुरक्षित और सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और ये सभी हितधारकों को जागरूक करेंगे कि हर वक्त उनसे खेल भावना और उचित नैतिक आचरण के मूल मूल्यों के अनुसार उचित बर्ताव की उम्मीद होगी।
विज्ञप्ति में कहा गया, साइ नैतिक आचरण को खेल स्पर्धाओं में निष्पक्ष प्रशासन में आधारशीला के तौर पर देखता है।
खेलो इंडिया के 2189 खिलाड़ियों के लिये 6.52 करोड़ रुपये जारी करेगा साइ
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने इस साल अप्रैल से जून की अवधि के लिये खेलो इंडिया के 21 खेलों के 2189 खिलाड़ियों के लिये कुल 6.52 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इन खेलों में पैरा खेल भी शामिल हैं।
साइ ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, वार्षिक खेलो इंडिया छात्रवृत्ति योजना के तहत मान्यता प्राप्त अकादमियों में प्रत्येक आवासीय खिलाड़ी प्रशिक्षण केंद्र के लिये 6.28 लाख रुपये की वित्तीय सहायता आवंटित की गयी है। इसमें 1.20 लाख रुपये का जेब खर्चा भी शामिल है।
जेब खर्चा (सालाना 1.20 लाख रुपये) सीधे खिलाड़ी के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है, जबकि शेष राशि खिलाड़ी के प्रशिक्षण, भोजन, आवास और शिक्षा पर खेलो इंडिया अकादमी में खर्च की जाती है जहां वह प्रशिक्षण ले रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, इसमें खिलाड़ी के गृहनगर की यात्रा, घर पर उसका आहार शुल्क और खिलाड़ी के खर्चे भी शामिल हैं। ऐसा खेलो इंडिया प्रतिभा विकास (केआईटीडी) योजना के अनुसार किया गया है। (भाषा)