भारतीय कप्तान और करिश्माई स्ट्राइकर Sunil Chhetri सुनील छेत्री जो अपना जन्मदिन बना रहे हैं उन्होंने अपने संन्यास के बारे में चल रही बातों को दरकिनार करते हुए कहा कि उन्होंने खेल से अलविदा लेने के लिये कोई समयसीमा तय नहीं की है।
छेत्री अभी 39 वर्ष के हैं और अब भी भारतीय आक्रमण की अगुआई करते हैं जिसका अंदाजा यहां चल रही सैफ चैम्पियनशिप के तीन मैचों में उनके पांच गोल से लगाया जा सकता है।
छेत्री ने कहा, मैं नहीं जानता कि देश के लिए मेरा अंतिम मैच कब होगा। मैंने कभी भी लंबे समय के लक्ष्य नहीं बनाये, मैं अगले मैच के बारे में सोचता हूं, अगले 10 दिन के बारे में सोचता हूं। यह (संन्यास) एक दिन होगा ही और यह उस दिन होगा जब शायद मैं ऐसा नहीं चाहता हूंगा। लेकिन तब तक मैं इसके बारे में नहीं सोचता।
एशिया के दूसरे सबसे ज्यादा 92 गोल करने वाले खिलाड़ी छेत्री ने कहा कि उन्होंने संन्यास लेने पर फैसला करने के लिए खुद के लिए कुछ मानदंड तय किये हैं।
उन्होंने कहा, कुछ मानदंड हैं जिनके बारे में सोचता हूं। मैं टीम के लिए योगदान कर पा रहा हूं या नहीं। मैं गोल कर पा रहा हूं या नहीं, जितनी कड़ी ट्रेनिंग करना चाहता हूं, उतनी कर पाता हूं या नहीं। ये कुछ मानक हैं जो मुझे बतायेंगे कि मैं इस टीम के लिए ठीक हूं या नहीं। जिस दिन मुझे लगा कि ऐसा नहीं है तो मैं खेल को अलविदा कह दूंगा क्योंकि फिर मेरे खेलने के लिए कोई और कारण नहीं होगा।
छेत्री ने कहा, लेकिन मैं यह नहीं बता सकता कि यह (संन्यास) एक साल बाद होगा या फिर छह महीने बाद। मेरा परिवार भी इसके बारे में अटकलें लगा रहा है और जब भी वे इसका जिक्र करते हैं तो मैं मजाकिया अंदाज में उन्हें अपने आंकड़े बता देता हूं।
सुनील छेत्री की अगुवाई में एशियाई खेलों में उतरेगी भारतीय फुटबॉल टीम
करिश्माई खिलाड़ी सुनील छेत्री, सीनियर डिफेंडर संदेश झिंगन और सीनियर गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को मंगलवार को एशियाई खेलों के लिए भारत की 22 सदस्यीय फुटबॉल टीम में शामिल किया गया।चीन के हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों में टीम राष्ट्रीय टीम के मुख्य केच इगोर स्टिमक के मार्गदर्शन में खेलेगी।
पीटीआई ने पहले खबर दी थी कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) छेत्री के नेतृत्व में और 1998 में विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली क्रोएशियाई टीम के सदस्य स्टिमक के मार्गदर्शन में एशियाई खेलों में अपनी शीर्ष टीम भेजने को लेकर उत्साहित था।
पता चला है कि भारतीय को एशियाई खेलों के आयोजकों और एशियाई ओलंपिक परिषद से मंजूरी मिल गई है।
हांगझोउ खेलों में भारतीय पुरुष और महिला फुटबॉल टीम की भागीदारी पहले संदेह में थी क्योंकि खेल मंत्रालय ने पात्रता तय की थी कि महाद्वीप में शीर्ष आठ में शामिल टीम को ही खेलों के लिए भेजा जाएगा।
एआईएफएफ की अपील के बाद हालांकि मंत्रालय ने बाद में पात्रता नियमों में ढील देखकर दोनों टीम को स्वीकृति दे दी। मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की थी।
एशियाई खेलों में फुटबॉल प्रतियोगिता में अंडर-23 खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं लेकिन खेलों के आयोजन में एक साल के विलंब के कारण आयोजन ने 24 साल के खिलाड़ियों को भी खेलने की स्वीकृति दी है। इसमें हिस्सा लेने के लिए कट ऑफ जन्म तिथि एक जनवरी 1999 तय की गई है।राष्ट्रीय फुटबॉल टीम 2018 में जकार्ता खेलों से बाहर रहने के बाद एशियाई खेलों में वापसी कर रही है।(भाषा)
टीम इस प्रकार है:
गोलकीपर: गुरप्रीत सिंह संधू, गुरमीत सिंह, धीरज सिंह मोइरंगथेम।
डिफेंडर: संदेश झिंगन, अनवर अली, नरेंद्र गहलोत, लालचुंगनुंगा, आकाश मिश्रा, रोशन सिंह, आशीष राय।
मिडफील्डर: जेकसन सिंह थौनाओजम, सुरेश सिंह वांगजैम, अपुइया राल्टे, अमरजीत सिंह कियाम, राहुल केपी, नाओरेम महेश सिंह।
फारवर्ड: शिव शक्ति नारायणन, रहीम अली, सुनील छेत्री, अनिकेत जाधव, विक्रम प्रताप सिंह, रोहित दानू।