बिपाशा बसु के लिए समय नहीं...

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ओलिम्पिक में भारत को मुक्केबाजी में पहला पदक दिलाने वाले विजेन्दर कुमार के पास फिल्म अभिनेत्री बिपाशा बसु के लिए समय नहीं है।

लेकिन काँस्य पदक विजेता विजेन्दर ने कहा कि यदि उन्हें बिपाशा से मिलने का मौका मिला तो वे मुक्केबाजी ग्लब्ज की बजाय हाथों में फूल लेकर जाना पसंद करेंगे।

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एक समारोह के दौरान जब विजेन्दर को यह याद दिलाया गया कि बिपाशा ने वादा किया था कि यदि विजेन्दर ने बीजिंग ओलिम्पिक में पदक जीता तो वे उनके साथ डेट पर जाना पसंद करेंगी, तो विजेन्दर ने कहा - 'मेरे पास उस बात के लिए समय नहीं है।'

फिल्मी ‍तारिकाओं का खिलाड़ियों को रिझाना भारत में कोई नई बात नहीं हैं। पहले क्रिकेटर इनके निशाने पर होते थे तो अब विजेन्दर का नाम बिपाशा बसु से जोड़ा जा रहा है जबकि हकीकत सब जानते हैं कि विजेन्दर के पास तो कुछ दिन बाद समय ही समय रहेगा, लेकिन बिपाशा चकाचौंध में खो जाएगी।

क्या आप दीपिका पादुकोण के इश्क के किस्से भूल गए। उन्होंने युवराज को मोहब्बत का पाठ कुछ दिन के लिए पढ़ाया। उससे पूर्व वे यही काम महेन्द्रसिंह धोनी के साथ कर चुकीं थी। धोनी तो संभल गए, लेकिन पंजाब का यह मुंडा दिल पर लगी चोट के कारण इस कदर बिगड़ा कि आज तक संभल नहीं पाया।

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दीपिका धोनी और युवराज को धत्ता बताकर ऋषि कपूर के होनहार पुत्र रणबीर का दामन थाम बैठीं, लेकिन उन्होंने कितना नुकसान किया वे खुद भी कभी समझ नहीं पाएँगी। जहाँ तक विजेन्दर और बिपाशा का सवाल है तो यह तब की बात है जब विजेन्दर बीजिंग में अपना सेमीफाइनल मुकाबला लड़ने की तैयारी कर रहे थे।

यह वह समय था, तब पूरे देश का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विजेन्दर पर ही फोकस करे हुए था। तब हर कोई यही दुआ माँग रहा था कि विजेन्दर ओलिम्पिक के फाइनल में पहुँच जाएँ और इसी के तहत बिपाशा बसु ने भी उत्साहित होकर विजेन्दर के साथ डेट पर जाने की बात कह डाली थी। सच्‍चाई तो यह है कि यदि बिपाशा के सामने खुद विजेन्दर भी खड़े हो जाएँ तो जरूरी नहीं कि वे उन्हें पहचान भी लें।
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