राष्ट्रपति ने ही रचे हैं कई कीर्तिमान

Webdunia
अमित कुमार

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नॉरू, एक छोटा सा द्वीप। महज 21 वर्ग किलोमीटर में फैला देश। बावजूद इसके कॉमनवेल्थ गेम्स में इस देश ने वेटलिफ्टिंग में कई सफलताएँ अर्जित की हैं। 10 हजार लोगों की जनसंख्या वाले इस देश की खास बात है कि इसके राष्ट्रपति ही एथलीटों के लिए सबसे ब़ड़े रोल मॉडल हैं।

नॉरू के राष्ट्रपति मार्कस स्टीफन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में एक या दो नहीं बल्कि सात स्वर्ण पदक और पाँच रजत पदक हासिल किए हैं और वे अपने देश के सबसे सफल वेटलिफ्टर हैं। उन्हीं के नक्शेकदम पर चलने के लिए नॉरू की टीम इस बार भी वेटलिफ्टिंग में सफलता हासिल करना चाहती है।

नॉरू वेटलिफ्टिंग टीम के कोच पॉल कोफा ने बताया कि इस बार टीम में पाँच पुरुष व एक महिला वेटलिफ्टिर और चार मुक्केबाज हैं। हमारी कोशिश होगी कि हमारी टीम 2002 की सफलता को दोहरा सके। नॉरू ने 2002 में वेटलिफ्टिंग में अप्रतिम सफलता हासिल करते हुए १५ पदक जीते थे। इस देश ने अब तक 26 पदक जीते हैं और सभी वेटलिफ्टिंग में ही हैं।

इस देश के सबसे ज्यादा सफल एथलीट इस समय यहाँ के राष्ट्रपति हैं। उन्होंने 1990 में एक स्वर्ण, दो रजत, 1994 में तीन स्वर्ण और 1998 में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। 2002 मैनचेस्टर गेम्स में वह स्वर्ण तो जीत नहीं सके, लेकिन तीन रजत पदक जरूर अपने नाम किए।

कोच पॉल कोफा ने कहा, जिस देश का राष्ट्रपति ही इतना सफल एथलीट रहा हो, उसके मनोबल का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। खुद राष्ट्रपति खिलाड़ियों की हौसला आफजाई के लिए शुक्रवार को यहाँ पहुँच जाएँगे। हमारे पास सुपर हेविवेट वर्ग में दुनिया का नंबर वेटलिफ्टिर है। हमें पूरा भरोसा है कि दिल्ली में हम मैनचेस्टर की ही तरह सफल होंगे।

खेलगाँव की सुविधाओं से प्रभावित कोच ने कहा कि मैं भारत के लिए चिंतित हूँ क्योंकि उन्होंने विश्व स्तरीय सुविधा प्रदान की है। बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उसकी बदनामी हुई है। जिस तरह की सुविधाएँ हमें यहाँ मिल रही हैं, हम उसके बारे में सपने में नहीं सोच सकते। सुरक्षा व्यवस्था भी काफी मजबूत है। सभी चीजों का स्तर काफी ऊँचा है और थो़ड़ी बहुत समस्याएँ तो प्रत्येक देश में होती हैं। इसको लेकर शोर नहीं मचाना चाहिए। हमें भारत बेहद पंसद आया।

वेटलिफ्टिंग में काफी सफलता हासिल करने के बारे में कोच ने कहा कि वहाँ के राजनेता खेल के बैकग्राउंड से हैं। सुपर हेविवेट वर्ग का खिला़ड़ी के पिता भी उप राष्ट्रपति रह चुके हैं। भले ही देश छोटा है, लेकिन खेलों पर हम पूरा ध्यान दे रहे हैं।

नॉरू ने पहली बार 1968 के कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था। इसके बाद वह इन देशों का नियमित सदस्य बन गया। उन्हें पहला पदक 1990 में मार्कस स्टीफन ने ही दिलाया।

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