बाइचुंग भूटिया : प्रोफाइल

Webdunia
बाइचुंग भूटिया  (जन्म 15 दिसंबर 1975) के भारतीय फुटबॉलर हैं। सिक्किम के रहने वाले भूटिया एक स्ट्राइकर के तौर पर भारतीय टीम में शामिल हैं। भूटिया भारतीय फुटबॉल का सबसे जाना माना चेहरा हैं। उन्हें अक्सर सिक्कीमिस स्नीपर कहा जाता है क्योंकि उनकी शूटिंग स्किल्स शानदार हैं। तीन बार इंडियन प्लेअर रह चुके आई एम विजयन भुटिया को भारतीय फुटबॉक के लिए ईश्वर का तोहफा कहते हैं। 

परिवार 
 
बाइचुंग भूटिया के एक बड़े भाई चेवांग भुटिया हैं। दोनों भाईयों की पढ़ाई एक बोर्डिंग स्कूल में हुई है। भूटिया ने 2004 में एक होटल प्रोफेशन से शादी की थी जिनके साथ उनका 2015 में तलाक हो गया। 
 
करियर 
 
भूटिया ने अपना फुटबॉल करियर इस्ट बेंगाल क्लब के साथ शुरू किया जहां उन्होंने चार दौर आई लीग फुटबॉल टीम में बिताए हैं। जब भूटिया ने 1999 में इंग्लिश क्लब बरी ज्वाइन किया तो वह दूसरे ऐसे भारतीय बने जिसने यूरोप में प्रोफेशनली फुटबॉल खेला। उनके अलावा मोहम्मद सलीम भी यूरोप में प्रोफेशनली खेल चुके हैं। 
 
बाद में बाइचुंग भूटिया ने कुछ समय के लिए मलेशिया के फुटबॉल क्लब पेराक एफए के लिए खेला। इसके अलावा वह जेसीटी मिल्स के लिए भी खेल चुके हैं। यहां उनके कार्यकाल के दौरान क्लब ने एक लीग भी जीती थी। भूटिया मोहन बागान के लिए भी खेल चुके हैं परंतु उनके दो कार्यकालों के दौरान टीम लीग नहीं जीत सकी।
 
 
बाइचुंग भूटिया के अंतराष्ट्रीय फूटबॉल के खिताबों में नेहरू कप, एलजी कप, एसएएफएफ चैंम्पियनशिप तीन बार और एएफसी चैलेंज कप शामिल हैं। भूटिय भारत के सर्वाधिन मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं। 2009 में उन्होंने नेहरू कप में खेलने के दौरान अपनी 100वीं कैप हासिल की मतलब यह उनका 100वां मैच था। उन्होंने कुल 104 कैप (टोपी) हासिल की हैं। 
 
फुटबॉल  से पृथक करियर 
 
फुटबॉल के अलावा भी भूटिया टीवी पर नाम कमा चुके हैं। उन्होंने टीवी डांस रिएलिटी  कार्यक्रम 'झलक दिखला जा' जीता है। इसके बाद उनके तत्कालिन क्लब मोहन बागान और भूटिया के बीच कुछ विवाद भी पनपा। जिसके चलते भूटिया पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी बने जिसने ओलंपिक टोर्च का बॉयकॉट किया जो तिब्बत की स्वतंत्रता के समर्थन में थी। 
 
उपल्ब्धि 
 
भूटिया के नाम पर एक फूटबॉल स्टेडियन भी है। यह उनके भारतीय फूटबॉल में योगदान के लिए किया गया है। वह पहले ऐसे फूटबॉल खिलाड़ी हैं जिसके लिए ऐसा किया गया है जबकि वह अभी भी खेल रहे थे। उन्होंने बहुत से मेडल जीते हैं जिनमें अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री शामिल हैं। 
 
2010 में उन्होंने बाइचुंग भूटिया फूटबॉल स्कूल की स्थापना दिल्ली में की। इसमें उनकी पार्टनरशिप कार्लोस क्वीरोज और नाइक के साथ है। 2011 के अगस्त में भूटिया ने अंतराष्ट्रीय फूटबॉल से संन्यास ले लिया। उनका आखिरी मैच 10 जनवरी 2012 को भारतीय नेशनल टीम और बायरेन मुनिक के बीच दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ था। 
 
Show comments

जरूर पढ़ें

stampede : बेंगलुरु में भगदड़ की घटना में 11 की मौत, PM मोदी ने जताया दुख, खरगे बोले- हादसा दुर्भाग्यपूर्ण

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? इस तरह पहचानें Fake currency

Stampede : चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंदर RCB का जश्न, बाहर लोगों की भगदड़, फोटो खिंचवाने में लगे थे कांग्रेस नेता, BJP ने लगाया आरोप

यादव के बेटे तेज प्रताप के 'जयचंद' जिक्र का क्या है मतलब, जानें क्यों गद्दारों को कहा जाता है 'जयचंद'

राहुल गांधी का लंगड़े घोड़े वाला बयान कमलनाथ, दिग्विजय की सियासत से रिटायरमेंट का संकेत?

सभी देखें

नवीनतम

पंजाब में मादक पदार्थ के खिलाफ अभियान, अब तक 15500 तस्कर गिरफ्तार, 9087 FIR दर्ज

Bengaluru Stampede : 11 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? CM सिद्धारमैया ने कहा- 35000 की क्षमता, इकट्ठा हो गए 2-3 लाख लोग, चश्मदीद ने बताया कैसे मची भगदड़

Weather Update : असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 6 लाख से ज्‍यादा लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या पहुंची 19

राजस्थान : IPL मैचों पर सट्टा लगाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 10 लाख से ज्‍यादा नकदी बरामद, 3 आरोपी गिरफ्तार

150 पाकिस्तानी संपर्क, ज्योति मल्होत्रा से कनेक्शन, ऐसी है पाक जासूस जसबीर की कहानी

अगला लेख