कांग्रेस की वित्तीय बाजारों के अधिक पेशेवर विनियमन और SEBI में आमूलचूल बदलाव की मांग
कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक ने भी कहा है कि अति-वित्तीयकरण भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।
SEBI needs a radical change: कांग्रेस (Congress) ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान स्थिति में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह जरूरी है कि भारतीय वित्तीय बाजारों का अधिक पेशेवर विनियमन करने के साथ भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) में आमूलचूल बदलाव हो। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने एक खबर साझा की जिसके मुताबिक कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक ने कहा है कि अति-वित्तीयकरण भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।
शेयर बाजार पूंजीकरण लगभग 140 प्रतिशत : रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया कि भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण वर्तमान में इसके सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 140 प्रतिशत है। 2 सितंबर, 2024 को वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने चेतावनी दी थी कि वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती लाभप्रदता और बाजार पूंजीकरण के उच्च स्तर की बारीकी से जांच की आवश्यकता है।
ALSO READ: माधवी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी को होगा समाप्त, सेबी प्रमुख पद के लिए आवेदन आमंत्रित
रमेश के मुताबिक मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा था कि जब बाजार अर्थव्यवस्था से बड़ा हो जाता है तो यह स्वाभाविक है, लेकिन जरूरी नहीं कि बाजार के विचार का सार्वजनिक चर्चा पर हावी होना और नीति को प्रभावित करना उचित हो।
रमेश का कहना है कि हमें अपने वित्तीय बाजारों के अधिक पेशेवर विनियमन की आवश्यकता है, साथ ही सेबी को आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें भारत के लिए जगह बनाने के वास्ते प्रौद्योगिकी स्पेक्ट्रम में वैश्विक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र पर निरंतर ध्यान देने की भी आवश्यकता है। अभी भी देर नहीं हुई है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta