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टैरिफ से लेकर H1B तक ट्रंप के फैसलों से शेयर बाजार में भूचाल, कैसा रहेगा अगला सप्ताह

सितंबर के 15 पहले कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 2842 अंक और निफ्टी 898 अंक बढ़ा। हालांकि इस हफ्ते दोनों ही इंडेक्सों में क्रमश: 2199 और 673 अंकों की भारी गिरावट आई।

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नृपेंद्र गुप्ता

मुंबई , शनिवार, 27 सितम्बर 2025 (15:44 IST)
Share market review Market ki Baat : अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच1बी वीजा और टैरिफ संबंधी फैसलों से दुनियाभर में हड़कंप मच गया। इन 2 फैसलों ने भारतीय शेयर बाजार की चाल भी बिगाड़ दी। सितंबर के 15 पहले कारोबारी दिनों में सेंसेक्स 2842 अंक और निफ्टी 898 अंक बढ़ा। हालांकि इस हफ्ते दोनों ही इंडेक्सों में क्रमश: 2199 और 673 अंकों की भारी गिरावट आई। जानिए मार्केट ट्रेड और निवेशकों के लिए कैसा रहेगा अगला सप्ताह।
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : हफ्ते के पहले दिन 22 सितंबर भारतीय शेयर बाजार में मुनाफावसूली हुई। बीएसई सेंसेक्स 466 अंक गिरा जबकि एनएसई निफ्टी 125 भी अंक गिरकर बंद हुआ। 23 सितंबर को भी बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा। सेंसेक्स 58 अंकों की मामूली गिरावट थी तो निफ्टी भी 33 अंक नीचे बंद हुआ। 24 सितंबर को भी सेंसेक्स 386 अंक टूट गया। वहीं निफ्टी भी 136 अंक फिसल गया। 
 
25 सितंबर को सेंसेक्स 556 अंक गिरकर 81,159 पर आ गया तो निफ्टी भी 166 अंक की गिरावट के साथ 24,891 अंक पर बंद हुआ। हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन भी शेयर बाजार में जमकर मुनाफा वसूली हुई। फार्मा और आईटी शेयरों में हुई बिकवाली से सेंसेक्स 732 अंक टूटकर 80,426 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 236 अंक की गिरावट के साथ 24,655 अंक पर पहुंच गया। इस तरह हफ्ते के पांचों दिन सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में ही रहे।
 
इन फैक्टर्स से तय हुई बाजार की चाल : इस हफ्ते पहले ट्रंप के एच1बी वीजा और फिर दवाओं, फर्निचर, किचन कैबिनेट पर टैरिफ संबंध फैसले ने जीएसटी रिफॉर्म संबंधी फैसले की चमक को पूरी तरह फीका कर दिया। पांचों कारोबारी दिन शेयर बाजार में बिकवाली का जोर रहा। वैश्विक स्तर पर हुए बड़े फैसले ने आईटी और फार्मा इंडस्ट्री के शेयरों में भूचाल ला दिया। ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, मीडिया और एनर्जी इंडेक्स में भी मुनाफा वसूली हुई।
 
वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख ने भी घरेलू शेयर बाजारों में मंदी के रुख को और बढ़ा दिया। इस हफ्ते रुपए ने अपना ऑलटाइम लो देखा तो सोने, चांदी के दाम भी अपने शीर्ष पर दिखाई दिए। मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में भारी कटौती की उम्मीद भी कम हुई।
 
दवा कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट : ट्रंप द्वारा 1 अक्टूबर से दवाओं पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के कदम से निवेशकों की चिंता बढ़ने से बीएसई हेल्थकेयर सूचकांक में 2.14 प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई पर वॉकहार्ट लिमिटेड के शेयर 9.40 प्रतिशत टूटे। इसके अलावा, इंडोको रेमेडीज के शेयर 5.35 प्रतिशत, जाइडस लाइफसाइंसेज के 4.21 प्रतिशत, ग्लेनमार्क फार्मा के 2.99 प्रतिशत, नैटको फार्मा के 2.65 प्रतिशत, सन फार्मा के 2.55 प्रतिशत, ल्यूपिन के 2.07 प्रतिशत, डॉ. रेड्डीज के 1.73 प्रतिशत और ऑरोबिंदो फार्मा के शेयर 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ, H1B वीजा जैसे फैसले से बाजार में पूरे हफ्ते गिरावट रही। डॉलर भी ऑल टाइम हाई पर है। जीएसटी की वजह से बाजार सकारात्मक था लेकिन ऊंचे स्तर पर हुई मुनाफावसूली ने बिकवाली को और बढ़ावा दिया।  
 
कैसा रहेगा अगला हफ्ता : अग्रवाल ने बताया कि शेयर बाजार में फिलहाल गिरावट के आसार नजर आ रहे हैं। ट्रंप की बयानबाजी से दुनिया की सियासत गर्म है। अमेरिका और सऊदी अरब का साथ पाकर पाकिस्तान एक बार फिर गरिया रहा है। फिलिस्तीन को कई देशों की मान्यता मिलने से इजराइल भी नाराज है। उन्होंने कहा कि निफ्टी में फिलहाल 24,000 का सपोर्ट है। अगर यह टूटता है तो निफ्टी 22,500 तक आ सकता है। 
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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