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टॉप से 8450 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी में भी भारी गिरावट, कैसी रहेगी बाजार की चाल?

नृपेंद्र गुप्ता
रविवार, 12 जनवरी 2025 (15:17 IST)
Share Market : भारतीय शेयर बाजारों के लिए 2025 की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सितंबर 2024 के बाद से ही भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को निराश ही किया है। यह वह समय था जब सवाल किया जा रहा था कि सेंसेक्स कब 1 लाख का आंकड़ा छूएगा, लेकिन बाजार ने उल्टी चाल पकड़ ली। पिछले 4 माह से भी कम समय में सेंसेक्स और निफ्टी में आई गिरावट ने निवेशकों को हैरान कर दिया। फिलहाल बजट तक बाजार की चाल ऐसी ही रहने की संभावना है।

टॉप से कितना गिरा शेयर बाजार : 26 सितंबर को सेंसक्स अपने उच्चतम स्तर 85836 पर था। इसके बाद से ही इसमें गिरावट का दौर जारी है। 10 जनवरी को यह 77349 अंक पर बंद हुआ। इस तरह 4 माह से भी कम समय में इसमें 8450 अंकों की गिरावट हुई। इसी तरह सितंबर में निफ्टी ने पहली बार 26250 का आंकड़ा छुआ था। इसके बाद बाजार रिवर्स गियर में आ गया। 10 जनवरी को यह 23440 अंक पर बंद हुआ। इसमें 2810 अंक की गिरावट दर्ज की गई।

बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 1,844.2 अंक या 2.32 प्रतिशत की गिरावट हुई। वहीं निफ्टी 573.25 अंक या 2.38 प्रतिशत के नुकसान में रहा। सेंसेक्स की शीर्ष टॉप में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,85,952.31 करोड़ रुपए की गिरावट आई। सबसे अधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक को हुआ।

क्यों गिरा बाजार : शेयर बाजार एक्सपर्ट योगेश बागौरा ने कहा कि चीन का पैकेज की वजह से विदेशी निवेशकों को वहां के बाजारों ने लुभाया है। बाइडन की वजह से जो अमेरिकी शेयर बाजार कमजोर बना हुआ था। ट्रंप के अमेरिकी चुनाव जीतने की वजह से तेजी से बढ़ गया। इस वजह से भारतीय बाजारों में एफआईआई का निवेश घटा और डीआईआई का बढ़ा। पश्चिम एशिया संकट के चलते क्रूड में मंदी नहीं आई। इस वजह से भी बाजार नकारात्मक बने हुए हैं।

कितना गिरना चाहिए बाजार : योगेश बागौरा ने कहा कि बाजार में 10 से 15 परसेंट की गिरावट आना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाजार अगर 15 फीसदी करेक्‍शन से बढ़ता है तो यह हेल्दी करेक्शन माना जाएगा। 10 फीसदी करेक्शन के बाद अगर बाजार में तेजी आती है तो इसे रिस्की माना जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष डिफेंस, सीमेंट, रेलवे, पेट्रोलियम और टेलीकॉम सेक्टर में बेहतर रिटर्न की संभावना है। आईटी सेक्टर कमजोर रहेगा।

बजट से क्या है उम्मीद : उन्होंने कहा कि बजट में इस बार सरकार के पास करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। शेयर बाजार को बजट से ज्यादा उम्मीद नहीं है। निवेशकों के हित का ध्यान रखते हुए नियमों को ज्यादा सख्‍त बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि दिवाली बाद से नियम सख्‍त हो रहे हैं। एफपीओ में वीकली एक्सपायरी बंद कर दी। अब सप्ताह में एक एक्सचेंज की एक ही एक्सपायरी होती है। मिनिमम लॉट साइज 10 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे छोटे निवेशक फ्यूचर ऑप्‍शन से बाहर हो रहे हैं। इससे लिक्विडिटी और कमजोर होगी।
Edited by : Nrapendra Gupta

अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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