मुंबई। दुनियाभर में जारी आर्थिक सुस्ती के बीच भारतीय शेयर बाजार के हाल बेहाल हैं। सेंसेक्स में 78 दिनों में 3,839 अंकों की गिरावट आ चुकी है। 4 जून 2019 को सेंसेक्स ने 40,312 आंकड़े को छूकर इतिहास रचा था वहीं निफ्टी भी 12,103 के स्तर पर था।
अब हालात बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। सेंसेक्स गिरकर 36,473 पर आ गया और निफ्टी भी 10,750 के मनोवैज्ञानिक स्तर पर आ गया। आइए जानते हैं शेयर बाजार में आ रही भारी गिरावट के पीछे की 5 वजहें...
आर्थिक मंदी के संकेत : दुनियाभर के अर्थशास्त्री आर्थिक मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं। कंपनियों में लाखों लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ती नजर आ रही हैं। इस वजह से भी लोगों का रुझान निवेश में कम होता नजर आ रहा है।
उद्योग जगत का हाल बेहाल : आर्थिक मंदी की आहट से उद्योग जगत का हाल बेहाल है। इस वजह से 4 सेक्टर्स संकट में घिर गए हैं। सरकार की तरफ मदद की उम्मीद से देख रहे उद्योग जगत को मदद तो दूर, अभी तक कोई ठोस आश्वासन तक नहीं मिला है। इससे बाजार में बिकवाली का माहौल दिखाई दे रहा है।
कमजोर वैश्विक संकेत : वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती बढ़ने से निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। एशियाई तथा यूरोपीय बाजारों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ता नजर आ रहा है। नकारात्मक निवेश धारणा की वजह से भी निवेशकों बाजार से दूरी बना रहे हैं।
विदेशी निवेशकों का मोहभंग : सरकार द्वारा सरचार्ज बढ़ाने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का सेंसेक्स और निफ्टी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। इस वजह से भी FPI शेयर खरीदने के बजाए बिकवाली कर रहे हैं और बाजार तेजी से गिरते नजर आ रहे हैं।
कमजोर हो रहा है रुपया : अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी भी भारतीय शेयर बाजारों को भारी पड़ रही है। गुरुवार के सत्र में भी रुपया 42 पैसे गिरकर 71.97 के स्तर पर पहुंच गया।