RBI के 2 बड़े फैसलों से बढ़ा निवेशकों का उत्साह, भारत अमेरिका ट्रेड डील पर शेयर बाजार की नजर

बैंक निफ्टी ऑलटाइम हाई, निफ्टी भी एक बार फिर 25000 पार

नृपेंद्र गुप्ता
शनिवार, 7 जून 2025 (14:58 IST)
Share market review: पिछले 5 माह की तरह ही जून के पहले हफ्ते में भी भारतीय शेयर बाजार में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। आरबीआई की मौद्रिक नीति में रेपो रेट और सीआरआर में की कमी के फैसले ने निवेशकों में कुछ हद तक उत्साह जरूर भरा है। अब आने वाले हफ्ते में सभी की नजरें भारत और अमेरिका की ट्रेड डील पर है। जानिए आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा मार्केट ट्रैंड और क्या करें निवेशक?
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : भारतीय शेयर बाजार के लिए हफ्ते की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। पहले 2 दिन शेयर बाजार में गिरावट रही और इसके बाद 3 दिन तेजी का रूख दिखाई दिया। सोमवार को सेंसेक्स 77 अंक टूटा तो निफ्टी में भी 34 अंकों की गिरावट आई। मंगलवार को सेंसेक्स 636 अंक टूट गया तो निफ्टी अंक के नुकसान से 24,542.50 अंक पर बंद हुआ।
 
बुधवार को 3 दिन की गिरावट के बाद शेयर बाजार में आंशिक तेजी दिखा दी। सेंसेक्स 261 अंक चढ़कर 80,998 अंक पर जा पहुंचा तो निफ्टी 78 अंक के लाभ से 24,620 अंक पर बंद हुआ। 
 
गुरुवार को भी 44 अंक चढ़कर 81,442 और निफ्टी 131 अंक की तेजी के साथ 24,751 अंक पर बंद हुआ। अब सभी की उम्मीद रिजर्व बैंक पॉलिसी पर थी। केंद्रीय बैंक के 2 बड़े फैसलों ने निवेशकों को उत्साह से भर दिया। सेंसेक्स 747 अंक चढ़ गया तो निफ्टी में भी 252 अंक की तेजी आई। निफ्टी 25000 के पार पहुंच गया तो निफ्टी बैंक सूचकांक 1.47 प्रतिशत उछलकर अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। ब्याज दर के लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले रियल्टी सेक्टर में 4.74 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई जबकि वाहन सेक्टर में 1.50 प्रतिशत और बैंकिंग सेक्टर में 1.25 प्रतिशत की तेजी आई।
 
इन फैक्टर्स ने बाजार पर डाला असर :  नीतिगत ब्याज दर में आधा प्रतिशत की कटौती और बैंकों को कर्ज देने के लिए अतिरिक्त राशि का इंतजाम करने के रिजर्व बैंक के फैसले ने निवेशकों में उत्साह का संचार किया। अमेरिका में रोजगार के उम्मीद से बेहतर आंकड़ों तथा अमेरिका और चीन के राष्ट्रपति के बीच इस सप्ताह व्यापार वार्ता पर बातचीत के कारण भी बाजार सकारात्मक रहे। विदेशी पूंजी के ताजा प्रवाह ने भी शेयर बाजार को मजबूती दी।
 
हालांकि ट्रंप टैरिफ का खतरा अभी भी बना हुआ है। ट्रंप और मस्क के बीच छिड़ी जंग ने एक बार फिर बाजार बाजार की अनिश्चितता को बढ़ाया है। इधर रूस यूक्रेन युद्ध के भी तेज होने के आसार बन रहे हैं। ब्रेंट क्रूड के दाम भी बढ़े हैं।  
 
क्या कहते हैं विशेषज्ञ : बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा ने बताया कि रिजर्व बैंक के रेपो रेट में कमी और चार बार में 1 फीसदी CRR कट के फैसले ने बाजार में सकारात्मक धारणा बनाई है। इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी। बैंकों के लोन बढ़ने से बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा। रियल स्टेट कंपनियों को भी इसका फायदा मिलेगा। वाहन उद्योग और NBFC सेक्टर को भी इससे अच्छा खासा फायदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस लेवल पर बाजार में FII मुनाफा वसूली कर सकते हैं। बाजार के 24500 से 25500 के दायरे में रहने की संभावना है। 
 
उन्होंने कहा कि ट्रंप के एल्यूमीनियम और स्टील पर 50 फीसदी टैरिफ का भी कंपनियों पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच होने वाली बातचीत में अगर ट्रेड डील पर सहमति बन जाती है तो इस हफ्ते भी बाजार में तेजी दिखाई दे सकती है।
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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