कैसे बनाएं घर पर शाही मोदक, यहां पढ़ें आसान वि‍धि....

Webdunia
किसी भी गणेश पूजा के अवसर पर श्री गणेश को मोदक का भोग अवश्य लगाना चाहिए, क्योंकि मोदक गणेश जी का प्रिय व्यंजन है। इससे गणेशजी अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। खास करके उन्हें प्रसाद में 21 मोदक का नैवेद्य दिखाने की मान्यता है। आइए जानें मोदक बनाने की सरल व्यंजन विधि। 
 
सामग्री : 
150 ग्राम नारियल बूरा, 250 ग्राम मैदा, 250 ग्राम शक्कर का बूरा, 1 चम्मच इलायची पावडर, 1 छोटा कप अथवा कटोरी काजू-बादाम की कतरन, 1 छोटा आधा कप किशमिश, मोयन के लिए तेल अथवा घी, तलने के लिए घी अलग से।
 
विधि : 
सबसे पहले मैदे को छान कर उसमें मोयन डालकर कड़ा आटा गूंथ लें। तत्पश्चात खोपरा और शक्कर का बूरा, इलायची, काजू-बादाम की कतरन, किशमिश आदि सारी सामग्री मिक्स करके अलग बर्तन में रख लें।
 
फिर तैयार मैदे की 21 लोइयां बना लें। हर लोई को हल्के हाथ से थोड़ा-सा बेलकर उसमें आवश्यकतानुसार भरावन सामग्री भरें और मोदक का आकार देते हुए उसका मुंह बंद कर दें। इस तरह सभी मोदक बना कर रख लें। 
 
अब कड़ाही में घी गर्म करके कम आंच पर सभी मोदक तल लीजिए। अब गणेशजी को प्रिय 21 मोदकों को प्रसाद में चढ़ाएं। 

ALSO READ: गणेश जी को प्रसन्न करना है तो बनाएं नारियल-सूजी के रसीले मोदक, पढ़ें सरल रेसिपी

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इन 6 तरह के लोगों को नहीं खाना चाहिए आम, जानिए चौंकाने वाले कारण

बहुत भाग्यशाली होते हैं इन 5 नामाक्षरों के लोग, खुशियों से भरा रहता है जीवन, चैक करिए क्या आपका नाम है शामिल

करोड़पति होते हैं इन 5 नामाक्षरों के जातक, जिंदगी में बरसता है पैसा

लाइफ, नेचर और हैप्पीनेस पर रस्किन बॉन्ड के 20 मोटिवेशनल कोट्स

ब्लड प्रेशर को नैचुरली कंट्रोल में रखने वाले ये 10 सुपरफूड्स बदल सकते हैं आपका हेल्थ गेम, जानिए कैसे

सभी देखें

नवीनतम

विकास दिव्यकीर्ति सर की पसंदीदा ये 4 किताबें बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!

कौन हैं भारतीय नौसेना की दो बहादुर महिला अधिकारी जिन्होंने 8 महीनों में तय किया 50,000 किलोमीटर का समुद्री सफ़र, प्रधानमंत्री ने की सराहना

औरंगजेब के द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़े जाने के बाद अहिल्याबाई होलकर ने किया था इसका पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया इतिहास

रानी अहिल्याबाई के पति की मौत कैसे हुई थी?

लोकमाता देवी अहिल्याबाईः सुशासन और महिला स्वावलंबन की प्रणेता

अगला लेख