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टी-20 में धोनी से भी सफल कप्तान रहे असगर अफगान, राशिद ने कहा बहुत याद आएंगे

Webdunia
सोमवार, 1 नवंबर 2021 (23:30 IST)
अबुधाबी:अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व कप्तान असग़र अफ़ग़ान जो इस टी20 विश्वकप दल का अहम हिस्सा भी थे, ने नामीबिया के ख़िलाफ़ रविवार को होने वाले मैच के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया । अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने इसे स्वीकार भी कर लिया और उनके इस फ़ैसले का सम्मान किया।

33 वर्षीय इस खिलाड़ी को अफ़ग़ानिस्तान की स्कॉटलैंड पर 130 रन की जीत वाले मैच में बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा नहीं मिला था। जबकि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने केवल 10 रन बनाए थे, उस मैच में अफ़ग़ानिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था। अपने अंतिम टी-20 में उन्होंने 23 गेंदो में 31 रन बनाए जिसमें 3 चौका और एक छक्का शामिल था। उनके आउट होने के बाद टीम ने उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

असग़र को एक बल्लेबाज़ से ज़्यादा बेहतर कप्तान के तौर पर जाना जाता है। उनके नाम आज भी टी20 अंतर्राष्ट्रीय में बतौर कप्तान सबसे ज़्यादा जीत का रिकॉर्ड है। उन्होंने 52 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अफ़ग़ानिस्तान की कप्तानी की है और इस दौरान उन्होंने 42 में टीम को जीत दिलाई है। जबकि इस फ़ेहरिस्त में भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी 41 जीतों के साथ असग़र के बाद खड़े हैं।

2019 में असग़र से कप्तानी छीन ली गई थी और तब अफ़ग़ानिस्तान बोर्ड ने अलग-अलग प्रारूप के अलग-अलग कप्तान बनाए थे। रहमत शाह को टेस्ट का कप्तान बनाया गया था, जबकि गुलबदीन नायब को वनडे और टी20 की कमान राशिद ख़ान के कंधों पर दी गई थी। हालांकि 2019 दिसंबर में एक बार फिर असग़र को सभी प्रारूपों का कप्तान नियुक्त किया गया था। लेकिन कुछ ही महीनों बाद एक बार फिर उनसे कप्तानी वापस ले ली गई थी।

अफगान के संन्यास को स्वीकारना मुश्किल है : राशिद

अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान ने रविवार को कहा कि पूर्व कप्तान असगर अफगान उनके मेंटोर रहे हैं और टी20 विश्व कप के बीच में अचानक से उनके संन्यास लेने के फैसले को स्वीकारना उनके लिये मुश्किल है।

अफगानिस्तान ने नामीबिया पर 62 रन की शानदार जीत से अपने पूर्व कप्तान को अच्छी विदाई दी और टूर्नामेंट में सेमीफाइनल की उम्मीदें जीवंत रखी।

राशिद ने ट्वीट किया, ‘‘महान खिलाड़ी असगर अफगान के संन्यास के फैसले को स्वीकारना काफी मुश्किल है। वह मेरे और टीम के कई युवाओं के मेंटोर रहे हैं। उनकी उपलब्धियां और बलिदान की बराबरी नहीं की जा सकती। आपकी काफी कमी खलेगी भाई। ’’

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