टी-20 विश्वकप जब शुरु हुआ तो ऑस्ट्रेलिया ने अभ्यास मैच में न्यूजीलैंड को हराया था। वह जीत और इस जीत में काफी अंतर रहा। वह जीत ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी करीबी थी और 3 विकेट से कंगारुओं ने वह मैच जीत लिया था।
लेकिन फाइनल तो ऑस्ट्रेलिया के लिए एक आसान सा सफर रहा और एकतरफा मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को मात दे दी। इस जीत के नायक उनके गेंदबाज से ज्यादा उनके बल्लेबाज रहे।मिचेल मार्श ने जब जब विकेट गिरा न्यूजीलैंड के गेंदबाजों पर कांउटर अटैक किया।
पहले ऐरन फिंच और फिर डेविड वॉर्नर जब जब ऑस्ट्रेलिया ने विकेट गंवाया तब तब मिचेल मार्श ने यह सुनिश्चित किया कि टीम पर अतिरिक्त दबाव ना पड़े। ऐरन फिंच के आउट होने के बाद उन्होंने एडम मिल्ने को 1 छक्का और 2 चौके मारे थे।
डेविड वॉर्नर जैसे ही ट्रेंट बोल्ट की गेंद पर बोल्ड हुए उसके ठीक बाद मार्श ने सैंटनर की गेंद पर छक्का और चौका मारा। इसका असर यह हुआ कि सैंटनर दबाव में लगातार वाइड फेंकने लग गए।इस ओवर में ही सेंटनर की गेंद पर छक्का मारकर मार्श ने अपने टी-20 विश्वकप का दूसरा अर्धशतक जड़ा।
वह अंत तक डटे रहे और मैक्सवेल के साथ ऑस्ट्रेलिया को उसका पहला विश्वकप लौटा कर ही डगआउट में लौटे। मिचेल मार्श का यह छठवां अर्धशतक था और यह सारे टी-20 अर्धशतक इस साल ही आए। 50 गेंदो में 6 चौके और 4 छक्कों की मदद से 77 रन बनाने वाले मिचेल को मैन ऑफ मैच का पुरुस्कार दिया गया।
इसके अलावा डेविड वॉर्नर ने अपना मजबूत फॉर्म जारी रखा और छक्का मारकर न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 विश्वकप के फाइनल में अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया। इससे पहले इस टी-20 विश्वकप में वह श्रीलंका और वेस्टइंडीज के खिलाफ अर्धशतक बना चुके थे।
पाकिस्तान के खिलाफ विवादास्पद तरीके से अर्धशतक चूकने वाले डेविड वॉर्नर ने पहले तेज गेंदबाज और फिर स्पिन गेंदबाजों की जमकर पिटाई की। इसका नतीजा रहा कि उन्होंने 34 गेंदो में 51 रन जड़े। अपनी पारी में उन्होंने 4 चौके और 3 छक्के लगाए। वह बोल्ट की गेंद पर बोल्ड होने से पहले 38 गेंदो में 53 रन बना चुके थे।
इस पारी ने उनको इस टी-20 विश्वकप का ना केवल दूसरा सबसे सफल बल्लेबाज बनाया बल्कि वह मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुने गए। वॉर्नर ने इस टूर्नामेंट में पाक कीपर रिजवान को 2 रनों से पीछे छोड़ा। डेविड वॉर्नर ने 283 रन बनाए। उनसे आगे सिर्फ पाक कप्तान बाबर आजम रहे जिन्होंने 303 रन बनाए।