काबुल। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी में खराब होती सुरक्षा स्थिति के बीच भारतीय वायुसेना के एक सैन्य परिवहन विमान ने काबुल से 107 भारतीयों समेत 168 लोगों को रविवार को वहां से निकाला। इन अफगानिस्तान के एक सिख सांसद के साथ कुछ और नेता भी शामिल हैं।
अफगान सिख सांसद नरेंद्र सिंह खालसा कैमरे के सामने आते ही भावुक हो गए, जब उनसे पूछा गया कि एक सांसद के तौर पर अपने मुल्क को छोड़ना कितने दर्द की बात होती है, तो उन्होंने कहा मुझे इस पर रोना आता है।
उन्होंने अपने आंसू पोछते हुए कहा कि अफगानिस्तान में हम पीढ़ियों से रह रहे थे। इस तरह के हालात जो हमने कभी नहीं देखे वो अब देख रहे हैं। सबकुछ खत्म हो गया है। बातचीत के दौरान पत्रकार लगातार उन्हें ढांढस बंधाते रहे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने भारतीय वायुसेना से अफगानिस्तान में फंसे बाकी सिखों को भी बचाने कर अपील की। उन्होंने बताया कि अभी एक गुरुद्वारे में करीब 280 सिख फंसे हैं, जो मदद का इंतजार कर रहे हैं।
अफगानिस्तान से लौटे लोगों को पोलियो का टीका: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि भारत ने अफगानिस्तान से लौट रहे लोगों को एहतियाती उपाय के तहत पोलियो रोधी टीका नि:शुल्क लगाने का फैसला किया है।
मंत्री ने ट्विटर पर एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें युद्धग्रस्त देश से लौटे लोगों को दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर टीका लगवाते हुए देखा जा सकता है।
दुनिया में अफगानिस्तान और पाकिस्तान ही ऐसे दो देश हैं जहां पोलियो अब भी एन्डेमिक (किसी विशेष स्थान या व्यक्ति वर्ग में नियमित रूप से पाया जाने वाला रोग) है।