तालिबान ने की आम माफी की घोषणा, महिलाओं से सरकार में शामिल होने का किया आह्वान

Webdunia
मंगलवार, 17 अगस्त 2021 (17:20 IST)
प्रमुख बिंदु
काबुल। तालिबान ने मंगलवार को पूरे अफगानिस्तान में 'आम माफी' की घोषणा की और महिलाओं से उसकी सरकार में शामिल होने का आह्वान किया। इसके साथ ही तालिबान ने लोगों की आशंका दूर करने की कोशिश है, जो एक दिन पहले उसके शासन से बचने के लिए काबुल छोड़कर भागने की कोशिश करते दिखे थे और जिसकी वजह से हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा होने के बाद कई लोग मारे गए थे।
ALSO READ: Facebook ने तालिबान को बताया आतंकी संगठन, कहा- नहीं इस्तेमाल करने देंगे अपना प्लेटफॉर्म
 
अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला और कई शहरों को बिना लड़ाई जीतने वाला तालिबान वर्ष 1990 के क्रूर शासन के उलट खुद को अधिक लचीला दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कई अफगान अब भी आशंकित हैं। पुरानी पीढ़ी तालिबान की अति रूढ़िवादी सोच को याद कर रही है, जब 11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क पर हमले के बाद अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले से पहले सजा के तौर पर पत्थर से मारने और सार्वजनिक तौर पर फांसी की सजा दी जाती थी।
 
काबुल में उत्पीड़न या लड़ाई की बड़ी घटना अब तक दर्ज नहीं की गई है और तालिबान द्वारा जेलों पर कब्जा कर कैदियों को छुड़ाने एवं हथियारों को लूटने की घटना के बाद कई शहरी घरों में मौजूद हैं, लेकिन भयभीत हैं। कई महिलाओं ने आशंका जताई है कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के दौरान महिलाओं को और अधिकार देने का पश्चिमी प्रयोग तालिबान के शासन में कायम नहीं रहेगा।
 
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समानगनी ने 'आम माफी' का वादा किया है। यह पहली बार है, जब तालिबान की ओर से संघीय स्तर पर शासन को लेकर टिप्पणी की गई है। समानगनी की टिप्पणी अस्पष्ट है। हालांकि अब भी तालिबान पदच्युत की गई सरकार के नेताओं से बातचीत कर रहा है और अब तक किसी समझौते की घोषणा नहीं की गई है।

ALSO READ: अफगानिस्तान के खिलाफ जंग में तालिबान को किन देशों का मिला साथ, कौन खड़ी कर सकता है मुश्किलें...
 
समानगनी ने कहा कि इस्लामी अमीरात (तालिबान द्वारा घोषित अफगानिस्तान का नाम) नहीं चाहता कि महिलाएं पीड़ित हों। उन्हें शरिया कानून के तहत सरकारी ढांचे में शामिल होना चाहिए। यह बयान तालिबान की पिछली सरकार की नीति से हटने का संकेत हो सकता है जिसमें महिलाओं को घरों में सीमित कर दिया गया था। समानगनी ने हालांकि यह नहीं बताया कि उनके लिए शरिया या इस्लामी कानून का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि सभी ओर के लोग सरकार में शामिल होंगे।
 
समानगनी ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि 'आम माफी' से उसका क्या अभिप्राय है? हालांकि अन्य तालिबानी नेताओं ने कहा कि वे उन लोगों से बदला नहीं लेना चाहते हैं, जो पूर्ववर्ती सरकार या विदेशों में कार्यरत थे। वहीं काबुल में कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि तालिबान लड़ाकों ने उन लोगों की सूची बनाई है, जो सरकार का सहयोग कर रहे थे और चाहते हैं कि वे सामने आएं। उन्होंने कहा कि सरकार का ढांचा अब तक स्पष्ट नहीं है लेकिन अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि यह पूर्णत: इस्लामिक नेतृत्व वाला होगा और सभी पक्ष इसमें शामिल होंगे।

ALSO READ: तालिबान भारत का दुश्मन नहीं, भारत को तालिबान से करनी चाहिए बात: वेद प्रताप वैदिक
 
संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार के उच्चायुक्त के प्रवक्ता रुपर्ट कोलविले ने तालिबान शासन की प्रतिबद्धता और भय को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे वादों का सम्मान किया जाना चाहिए और कुछ समय के लिए (पूर्व के इतिहास के मद्देनजर) इन घोषणाओं का आशंकाओं के साथ स्वागत करना चाहिए। गत 2 दशक में मानवाधिकार के मोर्चे पर कई कठिन जीत हुई। सभी अफगानों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी।
 
इस बीच निजी टीवी चैनल टोलो की महिला प्रस्तोता ने तालिबान अधिकारी का मंगलवार को कैमरे के सामने साक्षात्कार लिया, वहीं हिजाब पहली महिलाओं ने काबुल में संक्षिप्त प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथों में तख्तियां थी जिसमें मांग की गई थी कि तालिबान महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से खत्म नहीं करे। अफगानिस्तान से निकलने के एकमात्र रास्ते काबुल हवाई अड्डे को मंगलवार को अमेरिकी सैनिकों की निगरानी में केवल सैन्य निकासी विमानों के लिए खोला गया। सोमवार को हजारों की संख्या में लोग देश छोड़ने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंच गए थे जिसके बाद विमानों का परिचालन बंद कर दिया गया था।

ALSO READ: Afghan Taliban Crisis: तालिबान का कब्जा, अब तक क्या हुआ और आगे क्या होगा?
 
इस बीच मंगलवार को नाटो के अफगानिस्तान में वरिष्ठ असैन्य प्रतिनिधि स्टीफेनो पोंटेकार्वो ने वीडियो पोस्ट किया है जिसमें दिख रहा है कि हवाई अड्डे की उड़ान पट्टी खाली है और अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। तस्वीर में चेन से बनी सुरक्षा दीवार के पीछे सेना के मालवाहक विमान को देखा जा सकता है। उन्होंने ट्वीट किया कि रनवे खुल गया है। मैं विमानों को उड़ान भरते और उतरते देख रहा हूं।
 
फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक रात में अमेरिकी नौसेना कमान का केसी-130जे हरक्युलिस विमान काबुल हवाई अड्डे पर उतरा और इसके बाद कतर स्थित अमेरिकी ठिकाने अल उदेद के लिए रवाना हो गया। यह अमेरिकी सेना के मध्य कमान का मुख्यालय है। हालांकि ऐसा लगता है कि अब भी स्थिति तनावपूर्ण है। अमेरिकी दूतावास काबुल हवाई अड्डे से काम कर रहा है। अमेरिका ने आह्वान किया है कि अमेरिकी देश छोड़ने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराएं लेकिन बिना संपर्क किए हवाई अड्डे पर नहीं आए।
 
वहीं जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहला जर्मन सैन्य परिवहन विमान काबुल उतरा है लेकिन दोबारा उड़ान भरने से पहले वह केवल 7 लोगों को ही विमान में सवार करा सका। मंत्रालय ने कहा कि हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी के माहौल और पिछली रात से रास्तों पर हो रही गोलीबारी की वजह से जर्मन सेना की सुरक्षा के बिना जर्मन नागरिकों और अन्य का हवाई अड्डे तक पहुंचना संभव नहीं था।
 
काबुल के हवाई अड्डे से 120 भारतीय अधिकारियों को लेकर आया विशेष सैन्य विमान गुजरात उतरा। स्वीडन की विदेश मंत्री मंत्री ऐन लिंडे ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि काबुल स्थित स्वीडिश दूतावास के कर्मचारी स्वीडन लौट चुके हैं। जापान भी अपने राजनयिकों को निकाल चुका है। स्पेन ने अपने लोगों को निकालने के लिए सैन्य विमान भेजे हैं।
 
तालिबान की पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और बातचीत परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित अफगान सरकार के कई अधिकारियों से मंगलवार को भी बातचीत जारी रही। बातचीत की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि बातचीत इस बात पर केंद्रित है कि तालिबान के प्रभुत्व वाली सरकार कैसे गत 20 साल के बदलावों के साथ चले, बजाय कौन सा मंत्रालय किसे दिया जाए? राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़ चुके हैं।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

नवीनतम

संभल में 100 से ज्यादा उपद्रवियों के पोस्टर जारी, इंटरनेट अभी भी बंद

Chhattisgarh : मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई बैठक, कैबिनेट ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले

अजमेर शरीफ दरगाह को शिव मंदिर बताने वाली याचिका कोर्ट ने मंजूर की, 20 दिसंबर को अगली सुनवाई

Kuno नेशनल पार्क से आई बुरी खबर, चीता नीरवा के 2 शावकों की मौत

BJP ने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा- राहुल गांधी को बदलें EVM को नहीं

अगला लेख