टैक्स बचत के साथ परिवार के लिए सुरक्षा चक्र

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एक उद्योगपति की टैक्स और निवेश प्लानिंग किस तरह होना चाहिए, इसे इस तरह समझा जा सकता है।

इंडस्ट्रीयलिस्ट राजेश अग्रवाल (उम्र 38 वर्ष), उनकी पत्नी नीता अग्रवाल (उम्र 36 वर्ष) अपनी 10 वर्षीय बेटी एवं 7 वर्षीय बेटे के साथ शहर में स्वयं के बंगले में रहते हैं। राजेश की सालाना आय 8,00,000 रुपए है। उनका प्रतिमाह खर्च 25000 रुपए और पर्सनल लोन की किस्त 12000 रुपए है। साथ ही उन्होंने बैंक एवं अन्य स्रोतों से ऋण भी ले रखा है।

निवेश के बारे में उनका मानना है कि जो रिटर्न उन्हें इंडस्ट्री में निवेश के जरिए मिल सकता है, वो कहीं और नहीं मिल सकता, इसलिए उन्होंने संपूर्ण निवेश अपनी इंडस्ट्री में ही कर रखा है। वर्तमान में उन्होंने कोई भी जीवन बीमा पॉलिसी नहीं ले रखी है। राजेश ने हैल्थ इंश्योरेंस के लिए एलआईसी की हैल्थ प्लस पॉलिसी स्वयं, पत्नी एवं बच्चों के लिए ले रखी है, जिसकी सालाना प्रीमियम 12000 रुपए है। इस वर्ष धारा 80-सी के तहत टैक्स बचत के लिए उन्हें संपूर्ण 100000 रुपए का निवेश करना है। राजेश टैक्स बचत के लिए एनएससी लेने की योजना बना रहे हैं, जिसका मुख्य कारण है कि एनएससी में निवेश के पश्चात उस पर ऋण लिया जा सके, जिससे वे पुनः अपनी इंडस्ट्री में निवेश कर सकें।

काल्पनिक पात्र राजेश अग्रवाल के जैसे बहुत से इंडस्ट्रीयलिस्ट इस प्रकार की मानसिकता रखते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि व्यक्ति अपने व्यापार में निवेश करके बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकता है, परंतु इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि व्यापार में बहुत उतार-चढ़ाव होते हैं, जिसके कारण कई बार हम अपने पारिवारिक एवं व्यापारिक दायित्वों के बीच सामंजस्य नहीं बैठा पाते हैं। इस तरह की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे लोगों को न केवल टैक्स बचत के उद्देश्य को ध्यान में रखना चाहिए, बल्कि परिवार के लिए सुरक्षा चक्र का निर्माण करना चाहिए। इन परिस्थितियों और योजनाओं को समझकर निम्न सलाह दे रहे हैं :-

जीवन बीमा नहीं है, इसलिए "लाइफ इंश्योरेंस नीड एनालिसिस" के आधार पर 7500000 रुपए का टर्म प्लान एमडब्ल्यूपी एक्ट के तहत लेना चाहिए, जिसकी सालाना प्रीमियम लगभग 30000 रुपए आएगी। एमडब्ल्यूपी एक्ट के तहत बीमा लेने पर कोई भी व्यक्ति आपकी बीमा राशि पर किसी भी लेनदारी के लिए क्लेम नहीं कर सकता।

30 प्रतिशत इक्विटी और 70 प्रतिशत डेब्ट में निवेश करना चाहिए।

पीपीएफ में 50000 रुपए निवेश करना चाहिए। पीपीएफ में निवेश करने पर कोई भी व्यक्ति आपकी पीपीएफ में निवेशित राशि पर किसी भी लेनदारी के लिए क्लेम नहीं कर सकता है।

म्यूच्युअल फंड की ईएलएसएस स्कीम में शेष बचे 20000 रुपए निवेश करना चाहिए।

जीवन बीमा कंपनी के हैल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत हॉस्पिटलाइजेशन खर्च प्रतिदिन मात्र 1,000-2,000 रुपए ही मिल पाता है जो कि पर्याप्त नहीं है एवं इस तरह की पॉलिसी में चार्जेस भी बहुत अधिक होते हैं। अतः उन्हें स्वयं, पत्नी एवं बच्चों के लिए 500000 रुपए की फ्लोटर मेडिक्लेम पॉलिसी लेना चाहिए, जिसकी सालाना प्रीमियम लगभग 9000 रुपए आएगी।

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