समाज की आधारशिला शिक्षक

करें सम्मान, पाएँ ज्ञान

गायत्री शर्मा
WD
आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक होता है जो हमें किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाता है। भारतीय संस्कृति में शिक्षक को दो स्वरूपों में देखा जाता है। जिन्हें आध्यात्मिक गुरु और लौकिक गुरु के रूप में परिभाषित किया गया है। चूँकि बात शिक्षक दिवस के प्रसंग से जुड़ी है इसलिए यहाँ लौकिक स्वरूप में शिक्षक के बारे में चर्चा करना प्रासंगिक है।

शिक्षक को मौजूदा परिप्रेक्ष्य में एक अध्यापक के रूप में ही देखा जाता है। यद्यपि सामाजिक व्यवस्था में यही उसकी सेवा है इसलिए शिक्षक को अध्यापक तक ही सीमित कर दिया गया है जबकि इसे व्यापक अर्थों में देखा जाना चाहिए।

कहते हैं यदि जीवन में शिक्षक नहीं हो तो 'शिक्षण' संभव नहीं है। शिक्षण का शाब्दिक अर्थ 'शिक्षा देने' से है लेकिन इसकी आधारशिला शिक्षक रखता है। शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूज्यनीय रहा है क्योंकि उन्हें 'गुरु' कहा जाता है लेकिन अब जबकि सामाजिक व्यवस्थाओं का स्वरूप बदल गया है इसलिए शिक्षक भी इस परिवर्तन से अछूता नहीं रहा है।

आज शिक्षक कहीं प्रोफेसर सभरवाल के रूप में अपने शिष्यों से पूजा नहीं जाता बल्कि जीवन से हाथ धोता है तो कहीं 'लव गुरु' होकर समाज में तिरस्कृत होता है। यह न तो शिक्षक के लिए हमारा गरिमापूर्ण आचरण है और न ही शिक्षक का सम्मानजनक आचरण।

शिक्षक जब ज्ञान प्रदाता है तो उसकी शिक्षाएँ समाज के लिए अनुकरणीय है। अब सवाल यह है कि हम समाज की नींव रखने वाले इस व्यक्तित्व को शनै:-शनै: विस्मृत क्यों करते जा रहे हैं। हमारी यही कमजोरी आज हमारे लिए घातक सिद्ध हो रही है। जहाँ से हमें ज्ञान मिलता है, फिर चाहे वह लौकिक हो या आध्यात्मिक। हमें हमेशा ही उसका आदर करना चाहिए।

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?