hartalika teej vrat me kya khana chahiye: हरतालिका तीज का व्रत भारतीय संस्कृति में बेहद खास महत्व रखता है। सावन और भाद्रपद मास की तृतीया तिथि पर पड़ने वाला यह व्रत महिलाओं द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित किया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने वैवाहिक सुख, पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। हालांकि यह व्रत कठोर माना जाता है, जिसमें अक्सर जल ग्रहण करने की भी अनुमति नहीं होती। फिर भी आधुनिक जीवनशैली और स्वास्थ्य की दृष्टि से कई महिलाएँ इस व्रत को अपने सामर्थ्य और परंपरा के अनुसार करती हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि हरतालिका तीज व्रत में महिलाएं क्या खा सकती हैं और किस तरह के आहार का चयन करना चाहिए, ताकि श्रद्धा भी बनी रहे और सेहत पर कोई असर न पड़े।
व्रत का महत्व और आहार की भूमिका
हरतालिका तीज के दिन रखा गया उपवास केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक अनुशासन के लिए भी खास माना जाता है। कई बार लंबे समय तक भूखा रहने से कमजोरी, चक्कर या थकान महसूस हो सकती है। इसलिए यदि आप पूरी तरह निर्जला उपवास रखने में सक्षम नहीं हैं, तो आप फलाहार का विकल्प चुन सकती हैं। फलाहार का अर्थ है ऐसा भोजन जो अनाज और नमक से रहित हो, लेकिन शरीर को ऊर्जा प्रदान करे।
फलाहार का विकल्प
व्रत के दौरान यदि फलाहार करना चाहें तो ताजे फलों का सेवन सबसे उत्तम माना जाता है। सेब, केला, पपीता, अंगूर, अमरूद या मौसमी जैसे फल हल्के और पचने में आसान होते हैं। ये शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं और निर्जलीकरण से बचाते हैं। कोशिश करें कि फलों को काटकर ताजे ही खाएँ और उन पर सेंधा नमक का हल्का छिड़काव कर लें।
मेवे और सूखे फल
खजूर, बादाम, अखरोट, काजू और किशमिश जैसे सूखे मेवे भी व्रत में बेहद फायदेमंद होते हैं। ये शरीर को ताकत देते हैं और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देते। आप चाहें तो इन्हें दूध के साथ खा सकती हैं या फिर सूखे ही चबा सकती हैं। खासकर किशमिश और खजूर जल्दी ऊर्जा प्रदान करते हैं, इसलिए इनका सेवन व्रत के दौरान करना लाभकारी होता है।
दूध और डेरी प्रोडक्ट्स
हरतालिका तीज व्रत में दूध, दही और छाछ का सेवन भी किया जा सकता है। दूध में बादाम या इलायची डालकर पीना शक्ति प्रदान करता है। वहीं छाछ या दही पचने में आसान होते हैं और शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं। यदि निर्जला उपवास संभव न हो तो दूध आधारित पेय सबसे अच्छा विकल्प है। यह आपको लंबे समय तक हाइड्रेटेड भी रखेगा।
साबूदाना और आलू से बने व्यंजन
फलाहार में साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा या आलू की हल्की सब्जी भी खाई जा सकती है। ये पेट भरने वाले और हल्के होते हैं। इनमें सेंधा नमक और मूंगफली डालकर स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। व्रत में तैलीय और मसालेदार चीजों से बचना चाहिए, इसलिए कम तेल का प्रयोग करें। साबूदाना शरीर को तुरंत ऊर्जा देने का काम करता है और भूख को संतुलित करता है।
नारियल पानी और फलों के रस
अगर आप कमजोरी महसूस कर रही हैं तो नारियल पानी पीना सबसे अच्छा उपाय है। यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और डिहाइड्रेशन से बचाता है। इसी तरह घर पर बने ताजे फलों के रस भी लाभकारी हैं। पैकेज्ड जूस या अधिक मीठे पेय से बचना चाहिए क्योंकि ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सेंधा नमक और व्रत अनाज
कुछ महिलाएं व्रत के दौरान कुट्टू का आटा, राजगिरा या सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन खाती हैं। इन आटे से पूरी, पराठा या हलवा बनाया जा सकता है। ध्यान रहे कि इनमें सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें। ये अनाज व्रत में पचने में आसान होते हैं और शरीर को पर्याप्त ताकत देते हैं।
किन चीजों से बचें?
व्रत में अनाज, दालें, मांसाहार, शराब, प्याज-लहसुन और सामान्य नमक का सेवन पूरी तरह निषिद्ध माना जाता है। इसके अलावा बहुत अधिक तली-भुनी चीजें भी नहीं खानी चाहिए, क्योंकि व्रत के बाद अचानक भारी भोजन पेट को नुकसान पहुंचा सकता है।
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