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मैं खुद को महाराणा से कभी जुदा नहीं कर सकता: शरद मल्होत्रा

हमें फॉलो करें मैं खुद को महाराणा से कभी जुदा नहीं कर सकता: शरद मल्होत्रा

रूना आशीष

, शनिवार, 9 मई 2020 (16:05 IST)
“एक बात जो रूना तुम्हें बताना चाहता हूं वो ये कि पिता के कहने पर मैं राजस्थान में महाराणा प्रताप की समाधि के दर्शन करने गया। वहां जो महसूस हुआ मैं उसे बयां नही कर सकता। मुझे अलौकिक सा लग रहा था।'' महाराणा प्रताप की भूमिका निभाने वाले शरद मल्होत्रा कहते हैं।  
 
मुझे लगा कि उस समाधि को मैं जानता और महसूस कर सकता हूँ। हल्दीघाटी का युद्ध था वो शायद मैंने ही लड़ा था। मुझे लगा कि महाराणा प्रताप को मैं महसूस करने लगा हूँ। वो समाधि मेरे लिए अपने आप से मिलने का मौक़ा था जो मैं कभी नहीं भूल सकूंगा। मैं उस अनुभव को आज भी महसूस करता हूँ। मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। 
 
फिर मैंने पूछा कि क्या किसी ने आपको वहां पहचाना कि टीवी के महाराणा प्रताप इस समाधि पर आए हैं? तब शरद ने कहा, “हाँ मुझे लोगों ने पहचाना। एक शख्स ने अपने बच्चे से बात कराई और पांव भी छूने को कहा।   उस वक्त तक मैंने नहीं सोचा था कि पापा ने क्यों कहा कि उन्हें मुझ पर फख्र है। लेकिन जब लोगों ने मेरे पांव छुए तब लगा कि मैं खुशकिस्मत हूँ जो मैंने महाराणा प्रताप का रोल निभाया। इस रोल ने मुझे विनम्र बनाया।'   
 
9 मई 202 को महाराणा प्रताप की जयंती है। इस महान शख्स को पर्दे पर उतारने में फिल्म वाले ज़रा पीछे रह गए, लेकिन टीवी वाले आगे रहे। भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप नामक टीवी सीरियल 2013 से 2015 तक सोनी एंटरटेनमेंट चैनल पर दिकाया गया। जो उस समय बहुत चर्चा का विषय रहा। 
 
इस सीरियल को बच्चों और महिलाओं की खूब सराहना मिली थी। इसमें बड़े महाराणा का रोल निभाने वाले शरद मल्होत्रा हमेशा से मेरे अच्छे मित्रों में से रहे हैं। उनसे मेरी मित्रता उनके सीरियल 'बनू मैं तेरी दुल्हन' के सेट से रही है। फिर एक अरसे तक उन्होंने कोई नया सीरियल नहीं किया। 
 
जब उनकी महाराणा प्रताप के रूप में वापसी हुई थी तो लोगों में मिक्स रिएक्शन थे, लेकिन जब उन्हें महाराणा के रूप में पर्दे पर देखा था तो लोग दंग रह गए। खूबसूरत तो वो हैं ही, अभिनय क्षमता भी बनूँ मैं तेरा दुल्हन के दौरान देखने को मिल गई थी। 
 
अपने दो सीरियल के बीच के ब्रेक के दौरान शरद ने घुड़सवारी सीखी और उसमें पारंगत भी हुए। उनकी ये नई पढ़ाई काम आई। महाराणा प्रताप हो और उनके घोड़े चेतक की बात ना हो तो ये नामुमकिन था। 
 
मुझे याद है उनसे जब मैं काफी अरसे बाद मिली तो वे 'कसम तेरे प्यार' की शूटिंग कर रहे थे। उस समय मैं टीवी जर्नलिस्ट थी। लंबे समय बाद मिलने के कारण बहुत सारी बातें ऑफ कैमरा हुई। 
 
उसी दौरान मैंने उनसे कहा कि आपका महाराणा का रोल बहुत अच्छा था। फिर चेतक की बात हुई तब शरद ने मुझे बताया, “घुड़सवारी सीख लेना मेरे लिए इस रोल में सबसे बड़ा सहारा साबित हुई। घुड़सवारी जानने की वजह से मुझे सेट पर अपने चेतक से दोस्ती करने में परेशानी नहीं हुई। मेरी इस नायाब दोस्ती ने मेरे रोल को और भी सुंदर बनाने में मेरी मदद की।”
 
आगे शरद ने बताया “मैं कोलकाता से हूँ। वहां काफी बड़ा घर है। घर में सभी को मेरा काम हमेशा से पसंद आया है, लेकिन जब इस रोल में मेरे पिताजी ने मुझे देखा और उसी दौरान कोलकाता जाने का मौका पड़ा तो मेरे पिताजी मुझे मिल बहुत खुश हुए। बोले तुम्हारा काम मुझे बहुत पसंद आया। मुझे तुम पर बहुत फख्र है।”
 
तब मैंने शरद से पूछा कि क्या ऐसे इंटेंस रोल निभाने के बाद कोई आफ्टर इफ़ेक्ट होता है? तो शरद ने मुस्कुराते हुए कहा- “जिस रोल को मैं इतने सालों से जी रहा हूँ उससे बाहर निकलने में समय लगा और ऊर्जा भी, लेकिन कुछ रोल आप ऐसे निभाते हैं कि वो आपकी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाते हैं। मैं अपने आप को महाराणा से कभी जुदा नहीं कर सकता।”

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