एक दिन राजा ने तेनालीराम से पूछा, 'तेनालीराम! क्या तुम बता सकते हो कि हमारी राजधानी में कुल कितने कौवे निवास करते हैं?'
हां बता सकता हूं महाराज! तेनालीराम तपाक से बोले।
महाराज बोले, बिलकुल सही गिनती बताना।
जी हां महाराज, बिलकुल सही बताऊंगा। तेनालीराम ने जवाब दिया।
' तुम्हें दो दिन का समय देते हैं, तीसरे दिन तुम्हें बताना है कि हमारी राजधानी में कितने कौवे हैं?' महाराज ने आदेश की भाषा में कहा।
तीसरे दिन फिर दरबार लगा। तेनालीराम अपने स्थान से उठकर बोला, 'महाराज-महाराज, हमारी राजधानी में कुल एक लाख पचास हजार नौ सौ निन्यानवे कौवे हैं। महाराज कोई शक हो तो गिनती करा लो।'
राजा ने कहा, गिनती होने पर संख्या ज्यादा-कम निकली तो?
महाराज, ऐसा नहीं होगा, बड़े विश्वास से तेनालीराम ने कहा। अगर गिनती गलत निकली तो इसका भी कारण होगा।
राजा ने पूछा, 'क्या कारण हो सकता है?'