भारत को 21 आतंकवादी चाहिए, वह भी पाकिस्तान जैसे निकम्मे और धूर्त राष्ट्र से। हम पहले भी कई बार पड़ोसी देश को मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची सौंप चुके हैं। 26 नवंबर को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद से उन 59 घंटों में कभी मुझे इस देश का नागरिक होने पर इतनी शर्म नहीं आई जितनी कि यहाँ की सरकार द्वारा फिर आतंकवादियों की सूची पाकिस्तान को सौंपने पर आई।
इन राजनेताओं में अंतरात्मा नाम की कोई चीज यदि हो तो उनसे पूछकर देखें कि 21 या इनमें से कुछ आतंकवादी मिल भी गए तो उनका करेंगे क्या? संसद पर हमले के आरोपी अफजल जैसा देश का मेहमान बनाकर जेल में रखेंगे या फिर कंधार जैसा कोई विमान अपहरण होने के बाद बंधकों के बदले में उन्हें छोड़ेंगे।
इसके बजाय भारत को सीधे कार्रवाई में विश्वास करना चाहिए। अमेरिका ने 9/11 आतंकवादी हमले के बाद ऐसी कार्रवाई की कि आज तक कोई भी परिंदा वहाँ पर नहीं मार सका। यहीं नहीं, उसने अफगानिस्तान को तबाह करके वहाँ पर नई सरकार का गठन कराकर ही दम लिया।
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इसराइल भी फिलिस्तीन की आतंकवादी कार्रवाई का जवाब उसी के लहजे में देने के लिए मशहूर है। समझ से परे है कि हमारे देश में उस इच्छा शक्ति का क्यों अभाव है, जैसी इच्छा शक्ति अमेरिका या इसराइल में है। देश की निर्दोष और निरपराध जनता पर हो रहे अत्याचार और अन्याय को कब तक मूकदर्शक बने देखते रहेंगे?
इसके उलट पाकिस्तानी टीवी चैनल 'न्यूज-1' पर प्रसारित कार्यक्रम 'मुझे इख्तलाफ है' में रक्षा मामलों के विश्लेषक जैद हामिद ने भारत के खिलाफ खुलकर जहर उगला है। जैद का कहना है कि इंडिया की तबाही का आगाज उसने खुद किया है। मुंबई का हमला भारत का इंटेलीजेंस गेम है। उसके अनुसार आतंकवाद और दहशतगर्दी को बढ़ावा भारत दे रहा है और यहाँ मुस्लिम और ईसाई समुदाय सुरक्षित नहीं हैं।
देश के पुलिसकर्मी अपने घटिया हथियारों (आतंकवादियों के अत्याधुनिक के आगे तो निश्चित रूप से घटिया ही थे) के साथ लोहा लेते हुए शहीद हो गए। दमकल कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाते हुए जितनी बार ताज में आग लगी उसे न केवल बुझाया बल्कि होटल के अंदर मौजूद लोगों को सुरक्षित निकालने का काम भी बखूबी किया।
शहीद हुए कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन और गजेंद्र, एटीएस प्रमुख आदि शहीदों के प्रति जितनी आदरांजलि अर्पित की जाए कम है। आतंकवादियों को मारने में सभी ने अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी से निभाई। इस मातृभूमि के राजनेता ही ऐसे हैं जो कि कहीं न कहीं कमजोर पड़ रहे हैं और तुम्हारी यही कमजोरी देश के उन शहीदों का अपमान कर रही है।
मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के तार सीधे- सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं, इसका पता तो चंद घंटों के भीतर ही चल गया था। कार्रवाई तो उसके आगे जाकर ही करना होगी। आज जरूरत है इस बात की है कि भारत को पाकिस्तान के साथ खेल और राजनयिक दोनों ही संबंध तोड़ लेने चाहिए।