हकीकत से बौखलाया पाकिस्तान

Webdunia
- गायत्री शर्म ा
मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों का विरोध अब खुलकर सामने आ रहा है। अपनी चुप्पी तोड़कर जनता अब सड़कों पर आकर ऐलाने-जंग कर रही है। जनता के तीखे तेवरों को देखते हुए जोर-शोर से नेताओं के इस्तीफे और माफी के रूप में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है।

  ND
बौखलाया दगाबाज पड़ोसी : मुंबई में हुए आतंकी हमलों में पाकिस्तान का हाथ होने की बात अब प्रमाणित हो चुकी है, लेकिन 'मुँह में राम बगल में छुरी' रखने वाला हमारा दगाबाज पड़ोसी अब हकीकत से मुकर रहा है।

भारत में आतंक का तांडव मचाने वाले आतंकवादी कासब ने कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दाफाश करते हुए इन हमलों में पा‍‍किस्तान की मुख्य भूमिका की बात कही है। कासब के अनुसार पाकिस्तान की सरजमीं पर ही इन आतंकियों को भारत में तबाही मचाने की ट्रेनिंग दी गई थी। पाकिस्तानी नेवी कमांडो की विशेष ट्रेनिंग से ही ये आतंकी जलमार्ग से भारत में आसानी से प्रवेश कर गए। जिस ट्रेनिंग कैंप में इन 10 आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी, उसमें इनके साथ लगभग 200 जिहादियों को भी तबाही का पाठ पढ़ाया गया था।

भारत द्वारा जब पाकिस्तान से भारत के मोस्ट वांटेड 20 आतंकियों को भारत को सौंपने की बात कही गई तो पाकिस्तान ने तांडव के पर्याय इन आतंकियों को भारत को सौंपने से साफ इनकार कर दिया।

मुशर्रफ की तरह हकीकत से इनकार : हमेशा से आतंकियों का ‍गढ़ रहा पाकिस्तान दुनिया के सामने अब शरीफ बनने का ढोंग कर रहा है। जिस तरह वर्ष 1999 में तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध में मारे गए अपने ही सैनिकों की लाशों को यह कहकर लेने से इनकार कर दिया था कि ये पाकिस्तानी नहीं हैं। उसी तर्ज पर वर्तमान राष्ट्रपति जरदारी अपने सारे राज उगल चुके मुंबई धमाकों के आतंकियों के पाकिस्तानी नागरिक होने की बात पर साफ मुकर रहे हैं।

पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि मुंबई में हुए आतंकी हमलों में उसका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई हाथ नहीं है। उसने कहा कि यदि भारत आक्रामक नीति अपनाता है तो उसे मजबूरन अपनी सेना को भारत की सीमा पर भेजना पड़ेगा, जो फिलहाल कबाइली आतंकियों से निपट रही है।

पाकिस्तान ने बुधवार को एक बार फिर अमेरिकी ज्वॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल माइन मुलेन के समक्ष अपनी स्थिति को साफ करते हुए कहा कि यदि भारत सीमा पर अपनी सेना का जमावड़ा करता है तो फिर आतंक के खिलाफ युद्ध उसकी प्राथमिकता से हट जाएगा, क्योंकि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति की रक्षा करना उसका पहला कर्तव्य होगा।

पाकिस्तान चाहे जो राग अलापे, पर क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है कि मुंबई हमले में लश्कर का हाथ नहीं था या फिर इस बात से इनकार किया जा सकता है कि लश्कर के प्रशिक्षण शिविर पाकिस्तान में नहीं हैं? जब शेर को उसकी माँद में जाकर ललकारा है तो अब उसकी दहाड़ से पाकिस्तान की सिट्टी-बिट्टी क्यों गुम हो रही है?

सुलह का पैगाम लाया अमेरिका : पा‍किस्तान के प्रति भारतीयों के मन में सुलग रही आक्रोश की आग को सुलह के पानी से बुझाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री को ंडोल ीजा राइस शांतिदूत बनकर भारत आई थीं, जो बाहरी तौर पर दोनों पड़ोसियों को पुचकारते हुए उनके क्रोध को शांत करने की कवायद थी। 

पाकिस्तान अमेरिका के लिए वह गले की हड्डी है, जिसे वह निगल भी नहीं सकता और बाहर उगल भी नहीं सकता। शायद इसीलिए वह पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करने की बजाय आतंकवाद को मिटाने में उस आतंकी देश के सहयोग की अपील कर रहा है।

व्हाइट हाउस और सीआईए भी बार-बार यही राग अलाप रहे हैं कि मुंबई हमलों को अंजाम देने वाले लोग किसी देश विशेष से संबंधित नहीं थे। जिस तरह 11 सिंतबर के समय अमेरिका आतंकियों का निशाना बना था, ठीक उसी तरह के हालात आज भारत के हैं।

खैर यह तो अमेरिका की पुरानी आदत है। वह जो करे, वह सब सही और कोई और करे तो अपराध। दूसरों को संयम रखने की सलाह देना उसकी आदत है जिसका कभी उसने भूले से भी पालन ‍नहीं किया है। खाड़ी युद्ध में लाखों निर्दोष लोगों का खून बहा देने वाले देश के मुँह से संयम रखने की बातें शोभा नहीं देतीं।

अमेरिका से पूछना चाहिए कि यदि यही सब उसके यहाँ होता तो क्या वह अब तक खामोश बैठता। पूरी दुनिया को खूनी शतरंज की एक बिसात बना देने वाला देश जो चाहता है कि हर मोहरा उसकी मर्जी से आगे बढ़े सिर्फ अपने फायदे की सोच सकता है, भारत के लिए क्या जरूरी है और क्या नहीं, यह सिर्फ सच्चे भारतीय समझ सकते हैं।

कूटनीतिक विफलता : यह भारत का दुर्भाग्य रहा है कि वह अपनी कमजोर कूटनीति के कारण कभी भी अपनी समस्याओं को या अपनी सोच को विश्व समुदाय के समक्ष सही रूप में नहीं रख सका है। यहाँ राजनीति कूट‍नीति पर पूरी तरह से हावी है।

मुंबई हमलों के बाद एक बार फिर यही प्रश्न बार-बार सामने आ रहा है कि क्या भारत विश्व मंच पर आतंक के विरुद्ध अपना दृष्टिकोण रख पाएगा? क्या वह आतंक के विरुद्ध की जाने वाली अपनी कार्रवाई को विश्व के समक्ष सही ठहरा पाएगा।

यदि इस बार भारत अपनी कूटनीति में विफल होता है तो ‍आज का यह बौखलाया पाकिस्तान कल फिर से शेर बनकर हमारे सामने दहाड़ेगा। इसमें कोई संदेह नहीं।
Show comments

Delhi Assembly Election 2025 : आयकर छूट का दांव दिल्ली चुनाव में कितना आएगा काम, बजट में बिहार को तवज्जो

बुरे फंसे बागेश्वर बाबा, धीरेन्द्र शास्त्री को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का तगड़ा जवाब

Budget 2025 : मोदी सरकार के बजट पर क्या बोले राहुल गांधी, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल

जयराम रमेश ने बताया, कैसे पटरी से उतर गया निर्मला सीतारमण का बजट?

कभी घरों में बर्तन मांजती थीं दुलारी देवी जिनकी बनाई साड़ी पहनकर निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट, जानिए उनकी प्रेरक कहानी

Delhi Elections : प्रधानमंत्री का 'मोदी की गारंटी' पर जोर, भाजपा की जीत का भरोसा

LIVE: बजट पर निर्मला सीतारमण बोलीं, हमने मध्यम वर्ग के लोगों की आवाज सुनी

वसंत पंचम स्नान से पहले एक्शन में CM योगी, अमृत स्नान के लिए कैसी है महाकुंभ में तैयारी?

चुनावी सभा में पीएम मोदी बोले, बजट में इनकम टैक्स पर इतनी बड़ी राहत पहले कभी नहीं

बजट में मनरेगा को मिली कितनी राशि, क्या है कांग्रेस की नाराजगी की वजह?