ओसामा का व्यक्तित्व और शिक्षा

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' झेंपू' और 'किताबी कीड़ा' था ओसामा ऐसे तिरस्कृत और हीनताबोध से ग्रसित बालक के बारे में आगे चलकर दुनिया का कुख्यात आतंकवादी बन जाने की कल्पना कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकता था।

बचपन और युवावस्था में लादेन के समूचे व्यक्तित्व में ऐसा एक भी लक्षण नहीं था जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह बाद में इतना खतरनाक और दुस्साहसी बन सकता है। 'झेंपू' और 'किताबी कीड़ा' जैसी उपाधियाँ उसे हमेशा ही अपने सहपाठियों से मिला करती थीं।

इंजीनियरिंग : कुछ साल पहले जब एक अमेरिकी अधिकारी ने लादेन के बारे में कहा कि वह कॉलेज के दिनों में बेहद अय्याश था तो यह बात अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन) के जासूसों के गले नहीं उतरी, क्योंकि उनके रिकॉर्ड के मुताबिक लंदन और बेरुत में रहने के समय ओसामा बहुत ही शर्मीला और लड़कियों से बात करने की बात से घबरा जाने वाला युवक था। लेकिन ओसामा पढ़ाई के मामले में बहुत ही होशियार विद्यार्थी था।

अगर वह आतंकवादी जीवन में न उतर गया होता तो सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में दुनिया के लिए वह एक उपलब्धि होता। वैसे यह भी एक मजेदार संयोग है कि बीसवीं सदी में दुनिया में जितने भी कुख्यात आतंकवादी हुए हैं, उनमें से ज्यादातर इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। महान क्रांतिकारी माओ ने, जो कि खुद भी एक इंजीनियर थे, एक बार कहा था- 'चीजों की इंजीनियरिंग संवेदनशील विद्यार्थियों को समाज की इंजीनियरिंग भी सिखा देती है।'

लादेन ने सऊदी अरब के जेद्दाह स्थित किंग अब्दुल अजीज विश्वविद्यालय और लंदन के कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग से सिविल इंजीनियरिंग तथा प्रबंधन की पढ़ाई की है। पढ़ाई के समय वह एक होनहार विद्यार्थी था और अगर 70 के दशक में उसकी मुलाकात शेख अब्दुल्ला आजम से न हुई होती तो आज की तारीख में लादेन दुर्गम क्षेत्रों में सड़क बनाने वाला दुनिया का सबसे प्रतिभाशाली इंजीनियर हो सकता था।

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