इस्लामिक स्टेट ने एक बार फिर अपना बर्बर चेहरा दुनिया को दिखाते हुए एक महिला पत्रकार का सिर कलम कर डाला। उस महिला का सिर्फ इतना 'गुनाह' था कि उसने आतंकी संगठन आईएस के खिलाफ फेसबुक पर टिप्पणी की थी। सीरियाई मीडिया के मुताबिक आईएस ने उसके कब्जे वाले इलाके में रहने वालों की जिंदगी पर लिखने पर स्वतंत्र महिला पत्रकार राकिया हसन का सिर कलम कर दिया है।
सोशल मीडिया पर इस्लामिक स्टेट का जमकर विरोध : राकिया एक बहादुर और जिन्दादिल पत्रकार थी जो फेसबुक पर आईएस का विरोध करती थी। निसान अब्राहम के नाम से लिखने वाली राकिया के साथ काम करने वाली महिला पत्रकार फुरत अल वफा के मुताबिक राकिया ने अपने फेसबुक पेज पर आईएस के कब्जे वाले इलाकों में रहने वाली लोगों की जिंदगी को लेकर एक पोस्ट डाला था साथ ही साथ वो रक्का शहर में मौजूद आईएस के ठिकानों पर होने वाले हवाई हमलों की को भी फेसबुक के जरिए साझा किया करती थी।
राकिया के अंतिम शब्द 'अपमान से बेहतर है गला कटवाना': आतंकी संगठन आईएस की दहशतगर्दी के खिलाफ न्यूज वेबसाइट चलाने वाले अबु मोहम्मद ने राकिया के आखिरी शब्दों को ट्विटर के जरिये बयां किया। राकिया ने अपने आखिरी पलो में कहा कि वो रक्का में हैं और उन्हें जान से मारे जाने का खतरा है और अगर आईएस के आतंकी उनका गला काट देते हैं तो उनके लिए ये ठीक है क्योंकि अपमान के साथ जीने से ज्यादा सम्मान अपना गला कटवाने में है।
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1-the last words from Nissan Ibrahim Syrian activist who got executed by #ISIS was " im in Raqqa and I received pic.twitter.com/LNUHad0aYm
— Abu Mohammed (@Raqqa_sl1) January 2, 2016
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वाई-फाई पर रोक के खिलाफ भी उठाई थी आवाज : राकिया ने 21 जुलाई 2015 को फेसबुक पर अपना आखिरी पोस्ट डाला था। इससे पहले राकिया ने 20 जुलाई को फेसबुक पर आईएस द्वारा रक्का शहर में वाई-फाई की सुविधा पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ पोस्ट डाला था। राकिया ने आईएस पर निशाना साधते हुए लिखा था कि जाओ और इंटरनेट को रोक दो लेकिन, तुम हमारे संदेशों को रोक नहीं पाओगे।