हज़ारों मुश्किलें हैं दोस्तों से दूर रहने में

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हज़ारों मुश्किलें हैं दोस्तों से दूर रहने में,
मग़र इक फ़ायदा है पीठ पर ख़ंजर नहीं लगता।
मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

दोस्तों की दुश्मनी और दुश्मनों की दोस्ती पर बहुत शे'र पढ़े और सुने होंगे लेकिन ये शे'र ज़रा हटकर है। इसमें दोस्तों के साथ रहने और न रहने का नफ़ा-नुक़सान बताया गया है। दोस्तों के साथ रहने में मज़े ही मज़े हैं, बस एक ही नुक़सान का ख़तरा बना रहता है, अपनी पीठ के महफ़ूज़ रहने का। इस बात को इस शे'र में इतनी ख़ूबसूरती से कहा गया है के पढ़ने-सुनने वाला दंग रह जाता है।
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